Social Sciences, asked by dhajyasaikia16, 3 months ago

বতাহে সৃষ্টি কৰা অৱক্ষয়জনিত অবয়ব এটা নাম লিখা?​

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Answered by Sasmit257
3

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Which language is this?

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पाठक आमतौर पर रूढ़िवादी होते हैं, वे सामान्यतः साहित्य में अपनी स्थापित मर्यादाओं की स्वीकृति या एक स्वप्न-जगत में पलायन चाहते हैं। साहित्य एक झटके में उन्हें अपने आस-पास के उस जीवन के प्रति सचेत करता है, जिससे उन्होंने आँखें मूँद रखी थीं । शुतुरमुर्ग अफ्रीका के रेगिस्तानों में नहीं मिलते; वे हर जगह बहुतायत में उपलब्ध हैं। प्रौद्योगिकी के इस दौर का नतीजा जीवन के हर गोशे में नक़द फसल के लिए बढ़ता हुआ पागलपन है; और हमारे राजनीतिज्ञ, सत्ता के दलाल, व्यापारी , नौकरशाह- सभी लोगों को इस भगदड़ में नहीं पहुँचने, जैसा दूसरे करते हैं, वैसा करने, चूहादौड़ में शामिल होने और कुछ-न-कुछ हासिल कर लेने को जिए जा रहे हैं। हम थककर साँस लेना और अपने चारों ओर निहारना, हवा के पेड़ में से गुज़रते वक्त पत्तियों की मनहर लय-गतियों को और फूलों के जादुई रंगों को, फूली सरसों के चमकदार पीलेपन को, खिले मैदानों की घनी हरीतिमा को मर्मर ध्वनि के सौंदर्य, हिमाच्छादित शिखरों की भव्यता, समुद्र तट पर पछाड़ खाकर बिखरती हुई लहरों के घोष को देखना-सुनना भूल गए हैं।कुछ लोग सोचते हैं कि पश्चिम का आधुनिकतावादी और भारत तथा अधिकांश तीसरी दुनिया के नव-औपनिवेशिक चिंतन के साथ अपनी जड़ों से अलगाव, व्यक्तिवादी अजनबियत में हमारा अनिवार्य बे-लगाम धँसाव, अचेतन के बिंब, बौद्धिकता से विद्रोह, यह घोषणा कि 'दिमाग़ अपनी रस्सी' के अंतिम सिरे पर है', यथार्थवाद का विध्वंस, काम का ऐन्द्रिक सुख मात्र रह जाना और मानवीय भावनाओं का व्यावसायीकरण तथा निम्नस्तरीयकरण इस अंधी घाटी में आ फंसने की वजह है । लेकिन वे भूल जाते हैं कि आधुनिकीकरण इतिहास की एक सच्चाई है, कि नई समस्याओं को जन्म देने और विज्ञान को अधिक जटिल बनाने के बावजूद आधुनिकीकरण, एक तरह से, मानव जाति की नियति है। मेरा सुझाव है कि विवेकहीन आधुनिकता के बावजूद आधुनिकता की दिशा में धैर्यपूर्वक सुयोजित प्रयास होने चाहिए। एक आलोचक किसी नाली में भी झाँक सकता है, पर वह नाली - निरीक्षक नहीं होता। लेखक का कार्य दुनिया को बदलना नहीं, समझना है। साहित्य क्रांति नहीं करता, वह मनुष्यों का दिमाग बदलता है और उन्हें क्रांति की आवश्यकता के प्रति जागरूक बनाता है।

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए 

1. गद्यांश में 'शुतुरमुर्ग' की संज्ञा किसे दी गई है?

(i) लेखक, जो संसार को समझना चाहता है।

(ii) राजनीतिज्ञ, जो अपने स्वार्थ साधना चाहता है।

 (iii) पाठक, जो सपनों की दुनिया में रहना चाहता है।

(iv) नौकरशाह, जो दूसरों जैसा बनने को होड़ में शामिल है।

2. आधुनिकता की दिशा में सुयोजित प्रयास क्यों होने चाहिए? 

(i) इससे जीवन सुगम हो जाएगा तथा मानव प्रकृति का आनंद ले सकेगा।

(ii) नई समस्याओं को जन्म लेने के पहले ही रोका जा सकेगा|

(iii) आधुनिक होने की प्रक्रिया सदा से मानव सभ्यता का अंग रही है।

(iv) इससे विज्ञान सरल हो अधिक मानव कल्याणी हो सकेगा।

3. 'नक़द फ़सल के लिए बढ़ता हुआ पागलपन' से क्या तात्पर्य है? 

(i) लोग तुरंत व अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं।

(ii) लोग प्रकृति को समय नहीं देना चाहते हैं।

(iii) लोग थके हुए हैं पर विश्राम नहीं करना चाहते। 

(iv) लोग भौतिकतावादी तथा अमीर लोगों की नकल करना चाहते हैं।

4. पाठक साहित्य से आमतौर पर क्या अपेक्षा रखते हैं?

(i) साहित्य को हमारे मन की बात कहनी चाहिए। 

(ii) साहित्य को संसार को यथावत समझना चाहिए। 

(iii) साहित्य तनाव कम होने वाला होना चाहिए।

(iv) साहित्य को जीवन कौशलों व मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए। 

5. लेखक के अनुसार साहित्य क्या कार्य करने के लिए प्रेरित करता है? 

5. लेखक के अनुसार साहित्य क्या कार्य करने के लिए प्रेरित करता है? (i) लोगों को यथार्थ से अवगत करा बदलाव के लिए।

5. लेखक के अनुसार साहित्य क्या कार्य करने के लिए प्रेरित करता है? (i) लोगों को यथार्थ से अवगत करा बदलाव के लिए।(ii) लोगों को जीवन की समस्याओं को भुला आगे बढ़ते जाने के लिए। 

5. लेखक के अनुसार साहित्य क्या कार्य करने के लिए प्रेरित करता है? (i) लोगों को यथार्थ से अवगत करा बदलाव के लिए।(ii) लोगों को जीवन की समस्याओं को भुला आगे बढ़ते जाने के लिए। (iii) लोगों को यथार्थवाद का विध्वंस करने के लिए।

5. लेखक के अनुसार साहित्य क्या कार्य करने के लिए प्रेरित करता है? (i) लोगों को यथार्थ से अवगत करा बदलाव के लिए।(ii) लोगों को जीवन की समस्याओं को भुला आगे बढ़ते जाने के लिए। (iii) लोगों को यथार्थवाद का विध्वंस करने के लिए।(iv) लोगों को भावनाओं व ऐन्द्रिक सुख से ऊपर उठ कार्य करने के लिए।

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