| জৈন ধর্মৰ চাৰিটা তত্ত্ব কি আছিল?
| জৈন ধৰ্মৰ ত্ৰি-ৰত্ন কি কি?
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जैन धर्म के तीन रत्न , जिसे रत्नत्रय भी कहते हैं। इनको सम्यक दर्शन (सही दर्शन), सम्यक ज्ञान तथा सम्यक चरित्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। इनमें से किसी का भी अन्य दो के बिना अलग अस्तित्व नहीं हो सकता तथा आध्यात्मिक मुक्ति के लिए तीनों आवश्यक हैं। ... बौद्ध धर्म के त्रिरत्न – बुद्ध, धम्म, संघ
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