. ਰਾਜਨੀਤੀ ਸ਼ਾਸਤਰ ਦੇ ਵਿਸ਼ੇ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਲਈ ਤੁਹਾਨੂੰ ਬੀਤੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਅਤੇ ਤੱਥਾਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ, ਇਹ ਤੁਹਾਨੂੰ ਕਿਸ ਵਿਸ਼ੇ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
Answers
Answer: We have to study past events and facts From history, if we need to understand the subject of political science..
Explanation:
Political Science is very closely related to History. The relation between the two is so deep that some scholars like Freeman go to the extent of observing that:
“History is past Politics and Politics is present History.”
Another political thinker Seeley also writes;
“History without Political Science has no fruit.
Political Science without History has no root.”
All political institutions —State, Government, Legislature, Executive, Judiciary and others— have a history of evolution behind them. Without studying their history Political Science cannot really study their contemporary nature, position and relations among these.
Hence, Political Science always takes the help of History for studying political institutions i.e. the history of their evolution from their emergence and gradual evolution into their contemporary forms, powers, functions, mutual relations and relative positions.
Likewise, the study of History essentially needs a study of the political implications of all historical events and developments in each society. Without such an exercise History gets reduced to a mere narration of events, episodes and developments. History depends upon Political Science for getting knowledge about the political dimensions of historical events. History of political institutions constitutes a rich area of study to History.
Explanation:हमें इतिहास से पिछली घटनाओं और तथ्यों का अध्ययन करना होगा, यदि हमें राजनीति विज्ञान के विषय को समझने की आवश्यकता है।
व्याख्या:
राजनीति विज्ञान का इतिहास से गहरा संबंध है। इन दोनों के बीच का संबंध इतना गहरा है कि फ्रीमैन जैसे कुछ विद्वान यह देखने की हद तक जाते हैं कि:
"इतिहास अतीत की राजनीति है और राजनीति वर्तमान इतिहास है।"
एक अन्य राजनीतिक विचारक सीले भी लिखते हैं;
“राजनीति विज्ञान के बिना इतिहास का कोई फल नहीं है।
इतिहास के बिना राजनीति विज्ञान की कोई जड़ नहीं है।”
सभी राजनीतिक संस्थान - राज्य, सरकार, विधानमंडल, कार्यपालिका, न्यायपालिका और अन्य - के पीछे विकास का इतिहास है। उनके इतिहास का अध्ययन किए बिना राजनीति विज्ञान वास्तव में इनके समकालीन स्वरूप, स्थिति और इनके बीच संबंधों का अध्ययन नहीं कर सकता है।
इसलिए, राजनीति विज्ञान हमेशा राजनीतिक संस्थाओं का अध्ययन करने के लिए इतिहास की मदद लेता है, अर्थात् उनके उद्भव और क्रमिक विकास से उनके समकालीन रूपों, शक्तियों, कार्यों, पारस्परिक संबंधों और सापेक्ष स्थितियों में उनके विकास का इतिहास।
इसी तरह, इतिहास के अध्ययन के लिए अनिवार्य रूप से प्रत्येक समाज में सभी ऐतिहासिक घटनाओं और विकास के राजनीतिक निहितार्थों के अध्ययन की आवश्यकता है। इस तरह के अभ्यास के बिना इतिहास घटनाओं, प्रसंगों और घटनाक्रमों के वर्णन मात्र के रूप में सिमट कर रह जाता है। इतिहास ऐतिहासिक घटनाओं के राजनीतिक आयामों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए राजनीति विज्ञान पर निर्भर करता है। राजनीतिक संस्थाओं का इतिहास इतिहास के अध्ययन का एक समृद्ध क्षेत्र है।