0.बौद्धिक तीव्रता, अथक कार्यक्षमता, गहन संवेदनशीलता और विचारों की स्पष्टता उनके व्यक्तित्व के विशेष गुण थे।
उनकी बहुमुखी प्रतिमा, उर्वर मेधा-शक्ति, उत्कृष्ट विवेकशीलता और कठिन परिश्रम ने उन्हें न्यायविद विधिवेत्ता,
शिक्षा शास्त्री, दार्शनिक, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, कवि, उपन्यासकार, निबंधकार, प्रखर वक्ता और राष्ट्रीय विभूति
बनाया।
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उपर्युक्त पंक्तियाँ भाषा भारती कक्षा 8 के किस पाठ में किस महान व्यक्ति के बारे में कहीं गई है?
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I no but looks good at me and 8th
प्रश्न :- बौद्धिक तीव्रता, अथक कार्यक्षमता, गहन संवेदनशीलता और विचारों की स्पष्टता उनके व्यक्तित्व के विशेष गुण थे । उनकी बहुमुखी प्रतिमा, उर्वर मेधा-शक्ति, उत्कृष्ट विवेकशीलता और कठिन परिश्रम ने उन्हें न्यायविद विधिवेत्ता, शिक्षा शास्त्री, दार्शनिक, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, कवि, उपन्यासकार, निबंधकार, प्रखर वक्ता और राष्ट्रीय विभूति बनाया ।
उपर्युक्त पंक्तियाँ भाषा भारती कक्षा 8 के किस पाठ में किस महान व्यक्ति के बारे में कहीं गई है ?
उतर :- पर्युक्त पंक्तियाँ भाषा भारती कक्षा 8 के पाठ्यपुस्तक में महान व्यक्ति डॉ हरिसिंह गौर के बारे में कही गई है ।
अतरिक्त जानकारी :-
- डॉ. हरिसिंह गौर का जन्म 26 जनवरी, सन् 1870 ई. में शनीचरी टौरी, सागर (म. प्र.) में हुआ था ।
- 18 जुलाई, सन् 1946 को सागर नगर के निकट मकरोनिया की पथरिया पहाड़ी पर डॉ. हरिसिंह गौर ने हजारों व्यक्तियों की उपस्थिति में सागर विश्वविद्यालय की विधिवत् स्थापना की l
- वह अपूर्व बुद्धि और अद्भुत वाशक्ति वाले अधिवक्ता के रूप में प्रसिद्ध थे ।
- उनकी अद्वितीय प्रतिभा, मौलिक सूझबूझ, तीव्र स्मरणशक्ति उनके प्रत्येक शब्द में आत्मविश्वास के साथ झलकती थी ।
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