0 hindi essay on anusasan ka mahatev with sanket bindu
rcpathak057gmailcom:
if you like my answer please mark me as brainliest it's my humble request to you please
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*सभी के लिये खुशहाल और एक सफल जीवन जीने के लिये अनुशासन बहुत ही जरुरी है। यहाँ पर हम कुछ संख्याओं में आपके स्कूल जाने वाले बच्चों के लिये निबंध उपलब्ध करा रहें है। सामान्यत: स्कूलों में विद्यार्थीयों को अनुशासन पर निबंध लिखने को दिया जाता है। अत: आप दिये गये निबंधों का प्रयोग किसी भी प्रतियोगिता आदि में कर सकते हैं।
*हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्पूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकता है। कुछ नियमों और कायदों के साथ ये जीवन जीने का एक तरीका है। अनुशासन सब कुछ है जो हम सही समय पर सही तरीके से करते हैं। ये हमें सही राह पर ले जाता है।
*हम अपने रोजमर्रा के जीवन में कई प्रकार के नियमों और कायदों के द्वारा अनुशासन पर चलते हैं। इसके कई सारे उदाहरण हैं जैसे हम सुबह जल्दी उठते हैं, एक ग्लास साफ पानी पीते हैं, तरोताजा होने के लिये शौचालय जाते हैं, दाँत साफ करते हैं, स्नान करते हैं, नाश्ता करते हैं, स्कूल जाते हैं आदि सभी अनुशासन का ही एक प्रकार है।
hope it helps you!!
*हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्पूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकता है। कुछ नियमों और कायदों के साथ ये जीवन जीने का एक तरीका है। अनुशासन सब कुछ है जो हम सही समय पर सही तरीके से करते हैं। ये हमें सही राह पर ले जाता है।
*हम अपने रोजमर्रा के जीवन में कई प्रकार के नियमों और कायदों के द्वारा अनुशासन पर चलते हैं। इसके कई सारे उदाहरण हैं जैसे हम सुबह जल्दी उठते हैं, एक ग्लास साफ पानी पीते हैं, तरोताजा होने के लिये शौचालय जाते हैं, दाँत साफ करते हैं, स्नान करते हैं, नाश्ता करते हैं, स्कूल जाते हैं आदि सभी अनुशासन का ही एक प्रकार है।
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संकेत बिंदु:-
१. प्रस्तावना २. अनुशासन के प्रकार ३. विद्यार्थी और अनुशासन ४. अनुशासन हीनता ५. उप संघार
प्रस्तावना:- भारतीय संस्कृति में मानव जीवन को चार आश्रमों में विभक्त किया गया है-- ब्रह्मचारी आश्रम गृहस्थ आश्रम वानप्रस्थ आश्रम और सन्यास आश्रम
जीवन का प्रारंभिक काल ब्रह्मचर्य आश्रम ही विद्यार्थी जीवन है।
विद्यार्थी का आशय है विद्या का अभिलाषी। जीवन के इस काल में विद्यार्थी को भावी जीवन की तैयारी करनी होती है इसलिए वह श्रम करता है।
अनुशासन का प्रकार:- अनुशासन शब्द में दो शब्द मिले हैं अनु+शासन । इसका आशय है शासन के पीछे चलना या नियमों के अनुसार जीवन व्यापन करना। अनुशासन दो प्रकार के होते हैं वाहे अनुशासन तथा आत्मा अनुशासन
जब व्यक्ति दंड के भय से या दबाव में नियमों का पालन करता है तो इसे वाहे अनुशासन कहा जाता है।
पर जब व्यक्ति स्वेच्छा से नियमों के अनुसार आचरण करता है जीवन यापन करता है तो इसे आत्म अनुशासन कहा जाता है आत्म अनुशासन ही श्रेष्ठ अनुशासन कहा जाता है
विद्यार्थी और अनुशासन:- विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है इसी महत्व को पहचानते हुए प्राचीन काल में विद्यार्थी को अपने घर से दूर गुरु के आश्रमों में रहकर विद्या अध्ययन करना पड़ता था तथा गुरु के कठोर अनुशासन का पालन करना होता था विद्यार्थी जीवन में जो आदतें जो संस्कार जो गुण अथवा और गुण विकसित हो जाते हैं वह जीवन भर पीछा नहीं छोड़ते इसलिए विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन की नियम डालनी जरूरी है।
अनुशासनहीनता:- आज विद्यार्थी अनुशासित नहीं है।
वह उच्छश्रृंखल अनुशासनहीनता तथा स्व चारी है वह नियमों के अनुरूप आचरण करने में अपना अपना समझता है उसमें नैतिक मूल्य का सर्वथा अभाव है अपनी संस्कृति से मुझ से कोई लगाव नहीं अनेक दूर्व्यसनों का वह आधी है विद्यार्थी की यह स्थिति अत्यंत भयावह है क्योंकि विद्यार्थी वर्ग ही देश की भावी पीढ़ी है जिस पर देश का भविष्य टिका हुआ है यदि देश की भावी पीढ़ी अनुशासित नहीं तो देश का भविष्य अंधकार में है
विद्यार्थी वर्ग की अनुशासनहीनता के लिए दूषित शिक्षा पद्धति बदलती सामाजिक परंपराएं पश्चिमी सभ्यता का बढ़ता प्रभाव बढ़ता फैशन तथा देश में व्याप्त भ्रष्टाचार उत्तरदाई है इसे दूर करने के लिए सभी दिशाओं में प्रयत्न करना होगा।
उपसंहार:- राष्ट्र की प्रगति के लिए विद्यार्थी वर्ग का अनुशासित होना परम आवश्यक है विद्यार्थी वर्ग में अनुशासन की भावना लाने के लिए शिक्षा पद्धति में भी सुधार आवश्यक है अध्यापक वर्ग को भी अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना होगा तथा विद्यार्थियों के अच्छे संस्कार डालने के लिए उनके सामने आदर्श प्रस्तुत करना होगा
धन्यवाद
आशा है कि यह आपकी सहायता करेगा.....….
१. प्रस्तावना २. अनुशासन के प्रकार ३. विद्यार्थी और अनुशासन ४. अनुशासन हीनता ५. उप संघार
प्रस्तावना:- भारतीय संस्कृति में मानव जीवन को चार आश्रमों में विभक्त किया गया है-- ब्रह्मचारी आश्रम गृहस्थ आश्रम वानप्रस्थ आश्रम और सन्यास आश्रम
जीवन का प्रारंभिक काल ब्रह्मचर्य आश्रम ही विद्यार्थी जीवन है।
विद्यार्थी का आशय है विद्या का अभिलाषी। जीवन के इस काल में विद्यार्थी को भावी जीवन की तैयारी करनी होती है इसलिए वह श्रम करता है।
अनुशासन का प्रकार:- अनुशासन शब्द में दो शब्द मिले हैं अनु+शासन । इसका आशय है शासन के पीछे चलना या नियमों के अनुसार जीवन व्यापन करना। अनुशासन दो प्रकार के होते हैं वाहे अनुशासन तथा आत्मा अनुशासन
जब व्यक्ति दंड के भय से या दबाव में नियमों का पालन करता है तो इसे वाहे अनुशासन कहा जाता है।
पर जब व्यक्ति स्वेच्छा से नियमों के अनुसार आचरण करता है जीवन यापन करता है तो इसे आत्म अनुशासन कहा जाता है आत्म अनुशासन ही श्रेष्ठ अनुशासन कहा जाता है
विद्यार्थी और अनुशासन:- विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है इसी महत्व को पहचानते हुए प्राचीन काल में विद्यार्थी को अपने घर से दूर गुरु के आश्रमों में रहकर विद्या अध्ययन करना पड़ता था तथा गुरु के कठोर अनुशासन का पालन करना होता था विद्यार्थी जीवन में जो आदतें जो संस्कार जो गुण अथवा और गुण विकसित हो जाते हैं वह जीवन भर पीछा नहीं छोड़ते इसलिए विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन की नियम डालनी जरूरी है।
अनुशासनहीनता:- आज विद्यार्थी अनुशासित नहीं है।
वह उच्छश्रृंखल अनुशासनहीनता तथा स्व चारी है वह नियमों के अनुरूप आचरण करने में अपना अपना समझता है उसमें नैतिक मूल्य का सर्वथा अभाव है अपनी संस्कृति से मुझ से कोई लगाव नहीं अनेक दूर्व्यसनों का वह आधी है विद्यार्थी की यह स्थिति अत्यंत भयावह है क्योंकि विद्यार्थी वर्ग ही देश की भावी पीढ़ी है जिस पर देश का भविष्य टिका हुआ है यदि देश की भावी पीढ़ी अनुशासित नहीं तो देश का भविष्य अंधकार में है
विद्यार्थी वर्ग की अनुशासनहीनता के लिए दूषित शिक्षा पद्धति बदलती सामाजिक परंपराएं पश्चिमी सभ्यता का बढ़ता प्रभाव बढ़ता फैशन तथा देश में व्याप्त भ्रष्टाचार उत्तरदाई है इसे दूर करने के लिए सभी दिशाओं में प्रयत्न करना होगा।
उपसंहार:- राष्ट्र की प्रगति के लिए विद्यार्थी वर्ग का अनुशासित होना परम आवश्यक है विद्यार्थी वर्ग में अनुशासन की भावना लाने के लिए शिक्षा पद्धति में भी सुधार आवश्यक है अध्यापक वर्ग को भी अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना होगा तथा विद्यार्थियों के अच्छे संस्कार डालने के लिए उनके सामने आदर्श प्रस्तुत करना होगा
धन्यवाद
आशा है कि यह आपकी सहायता करेगा.....….
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