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खंड- 'अ'
वस्तुपरक प्रश्न
अपठित गद्यांश
10 अक
प्रश्न 1- नीचे दो गद्यांश दिए गए है। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
गद्यांश- 1
हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है। यह देश के अधिसंख्य लोगों की भाषा है। आज हिंदी का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय बन चुका है। तीन
अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों के आयोजन से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि आज हिंदी का प्रचार- प्रसार अत्यंत तेज़ी से हो रहा
है। अब यह मात्र भारत की ही भाषा नहीं रह गई है, बल्कि बहुदेशीय भाषा का रूप ले चुकी है। आज यह संसार की चौथी बड़ी
भाषा है। हिंदी बोलने और समझने वाले लोगों की संख्या निरंतर वृद्धि की ओर अग्रसर है। भाषा और साहित्य की कोई
भौगोलिक सीमा नहीं हुआ करती। यही कारण है कि आज देशों और महाद्वीपों की सीमाएँ लाँघकर यह भाषा अंतरराष्ट्रीय स्वरूप
ग्रहण कर चुकी है। भारत के बाहर विदेशों में हिंदी का लेखन और प्रचार-प्रसार तेजी से हो रहा है। रूस, अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड,
जर्मनी, इटली, बेल्जियम, फ्रांस, चैक गणराज्य, स्लोवाकिया गणराज्य, रूमानिया, चीन, जापान, नार्वे,स्वीडन, पोलैंड,ऑस्ट्रेलिया और
मेक्सिको आदि देशों में हिंदी के पठन-पाठन की व्यवस्था वहां के विश्वविद्यालयों में की गई है। वहां लोग ज्ञानार्जन के उद्देश्य
से हिंदी सीखते हैं और भारतीय संस्कृति और साहित्य के संपर्क में आते हैं। अनेक भारतीय ग्रंथों का रूसी, जापानी,चैक, इटेलियन
और फ्रांसीसी भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
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