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निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्र्ना के उत्तर
मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मित इस पृथ्वी पर हुई मानो धरती का रूप ही
बदल गया है। यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है। देवता भी उनसे
ईर्ष्या करते हैं। मनुष्य अपने कर्मबल के कारण श्रेष्ट है। धन्य है मनुष्य का जीवन ।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ii) उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
(iii) मनुष्य किस कारण श्रेष्ठ माना गया है?
पाक्ति देत आवेदन-पत्र लिखिए।
प्रश्न-
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1=dhean hai manush ka jiven
2=manush sarve sherist hai
3=manush ka jiven bohut sangersmay hota hai
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Hii
plz mark me as brainlist
Explanation:
(1) धन्य है मनुष्य का जीवन. |
(2) यह संसार कर्म करते रहने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है।
(3) मनुष्य अपने कर्मबल के कारण श्रेष्ट है।
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