Hindi, asked by prajnyarali2009, 7 hours ago

01. उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नों के उत्तर दें। हमारी हिंदी एक सजीव भाषा है, इसी कारण इसने अरबी, फारसी आदि भाषाओं के संपर्क में आकर इनके शब्द ग्रहण किए हैं और अब अंग्रेजी के शब्द भी ग्रहण कर रही है। इसे दोष नहीं, गुण समझना चाहिए। अपनी इस ग्रहण शक्ति के कारण ही हिंदी भाषा समृद्ध हो रही है। ज्यों-ज्यों इसका प्रचार बढेगा त्यों-त्यों इसमें नए शब्दों का आगमन होता जाएगा। क्या भाषा की शुद्धता के लिए पक्षपात करनेवालों में यह शक्ति है कि वे विभिन्न जातियों के बीच पारस्परिक संबंध को न होने दें? यह कभी संभव नहीं हो सकता। हमें तो केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अनेक भाषाओं के शब्दों के मिलने के भी हमारी भाषा हिंदी अपने स्वरूप को विकृत न कर सके और उसका निरंतर विकास होता रहे।

(क) हिंदी कैसी भाषा है ? उसमें किन-किन भाषाओं के शब्द आ गए हैं ?

(ख) गद्यांश के आधार पर सजीव भाषा की परिभाषा क्या होगी ?

(ग) हिंदी भाषा की सबसे बड़ी विशेषता क्या है ?
(घ) हिंदी में विदेशी भाषा के शब्दों का आगमन क्यों उचित है ?

(ड) हिंदी भाषा के पति हमें किस बात का ध्यान रखना चाहिए ?​

Answers

Answered by Jennie9974974
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Answer:

Answer: Ans-1) हिंदी एक सजीव भाषा है,इस भाषा ने अरबी, फारसी आदि भाषाओं के संपर्क में आकर इनके शब्द ग्रहण किए है।

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