01305305 2 प्र०- निम्नलिखित गद्याश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। धर्म को लोगो ने धोखे की दुकान बना रखा है वे उसकी आड़ में स्वार्थ सिद्धि करते है। बात यह है कि लोग धर्म छोड़कर सम्प्रदाय के जाल में फंस जाते है। संप्रदाय बाह्म कृत्यों पर टिका है। वे चिहनो को अपनाकर मसल देते है। धर्म मुनष्य को अंतर्मुखी बनाता है। उसके हृदय के किवाड़ को खोलता है। उसकी आत्मा को विशाल मन को उदार तथा चरित्र को उन्नत बनाता है। सम्प्रदाय संकीर्णता सीखाते है। जात-पात रूप-रंग ऊँच-नीच के भेदभावों से ऊपर नहीं उठने देते। (क) धर्म क्या है संप्रदाय को क्या कहा गया है? धर्म और संप्रदाय में क्या अन्तर है? ( लोगो ने धोखे की दुकान किरो बना रखा है? गदयांश का उचित शीर्षक लिखो। खण्ड (ख) (व्याकरण)
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क) धर्म वो ही जो हमे करना चाहिए परंतु हम धर्म को धोखे की दुकान बना रखा है । लोग धर्म को छोड़ कर संप्रदाय के जा में फस रहे हैं।
धर्म जो हमे करना चाहिए और संप्रदाय वो जो हमे नई करना चाहिए । (दोनो के बिच का अंतर )
धर्म के नाम पर धोखा (शीर्षक )
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