Hindi, asked by dheerajgaur2004, 6 months ago

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निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
झूरह काछी के दोनों बैलों के नाम थे – हीरा और मोती। दोनों पछाई के थे देखने में सुंदर , काम
में चौकस, डील में ऊँचे बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों में भाई-चारा हो गया था। दोनों आमने-
सामने बैठे हुए एक दूसरे से मूल भाषा में विचार-विनिमय करते थे। एक-दसरे की बात कैसे समझ
जाने थे हम नहीं कह सकते । अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुण शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता
का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है। दोनों एक-दूसरे को चाटकर-सैंधकर अपना प्रेम प्रकट करने
कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लेते, विग्रह के नाते से नहीं केवल विनोद के भाव से, आत्मीयता के
भाव से, जैसे दोस्तो में घनिष्ठता होने ही धौल-धप्पा होने लगना है। इसके बिना दोस्ती कुछ
फुसफुसी, कुछ हल्की-सी रहती है, जिस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता।
अथवा
परित्यक्त चीनी किले से ज़ब हम चलने लगे, तो एक आदमी राहदारी माँगने आया हमने वह दोनों
चिटें उसे दे दीं। शायद उसी दिन हम थोइला के पहले के आखिरी गाँव में पहुंच गए। यहाँ भी
सुमति के जान पहचान के आदमी थे और भिख मंगे रीते भी ठहरने अच्छी जगह मिली। पाँच साल
बाद हम इसी रास्ते लौटे थे और भिखमंगे नहीं एक भद्र यात्री के वेश में घोड़ा पर सवार होकर
आए थे, किंतु उस वक्त किसी ने 'हमें रहने के लिए जगह नहीं दी, और हम गाँव के एक सबसे
गरीब झोपड़े में ठहरे थे।
रोपा है और आप केन्द्रीय विद्यालय भोपाल के छात्र हैं। आपके परिवार की आर्थिक​

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Answered by Rawatjaswant
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Answer:

निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए

झूरह काछी के दोनों बैलों के नाम थे – हीरा और मोती। दोनों पछाई के थे देखने में सुंदर , काम

में चौकस, डील में ऊँचे बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों में भाई-चारा हो गया था। दोनों आमने-

सामने बैठे हुए एक दूसरे से मूल भाषा में विचार-विनिमय करते थे। एक-दसरे की बात कैसे समझ

जाने थे हम नहीं कह सकते । अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुण शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता

का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है। दोनों एक-दूसरे को चाटकर-सैंधकर अपना प्रेम प्रकट करने

कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लेते, विग्रह के नाते से नहीं केवल विनोद के भाव से, आत्मीयता के

भाव से, जैसे दोस्तो में घनिष्ठता होने ही धौल-धप्पा होने लगना है। इसके बिना दोस्ती कुछ

फुसफुसी, कुछ हल्की-सी रहती है, जिस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता।

अथवा

परित्यक्त चीनी किले से ज़ब हम चलने लगे, तो एक आदमी राहदारी माँगने आया हमने वह दोनों

चिटें उसे दे दीं। शायद उसी दिन हम थोइला के पहले के आखिरी गाँव में पहुंच गए। यहाँ भी

सुमति के जान पहचान के आदमी थे और भिख मंगे रीते भी ठहरने अच्छी जगह मिली। पाँच साल

बाद हम इसी रास्ते लौटे थे और भिखमंगे नहीं एक भद्र यात्री के वेश में घोड़ा पर सवार होकर

आए थे, किंतु उस वक्त किसी ने 'हमें रहने के लिए जगह नहीं दी, और हम गाँव के एक सबसे

गरीब झोपड़े में ठहरे थे।

रोपा है और आप केन्द्रीय विद्यालय भोपाल के छात्र हैं। आपके परिवार की आर्थिक

Explanation:

निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए

झूरह काछी के दोनों बैलों के नाम थे – हीरा और मोती। दोनों पछाई के थे देखने में सुंदर , काम

में चौकस, डील में ऊँचे बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों में भाई-चारा हो गया था। दोनों आमने-

सामने बैठे हुए एक दूसरे से मूल भाषा में विचार-विनिमय करते थे। एक-दसरे की बात कैसे समझ

जाने थे हम नहीं कह सकते । अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुण शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता

का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है। दोनों एक-दूसरे को चाटकर-सैंधकर अपना प्रेम प्रकट करने

कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लेते, विग्रह के नाते से नहीं केवल विनोद के भाव से, आत्मीयता के

भाव से, जैसे दोस्तो में घनिष्ठता होने ही धौल-धप्पा होने लगना है। इसके बिना दोस्ती कुछ

फुसफुसी, कुछ हल्की-सी रहती है, जिस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता।

अथवा

परित्यक्त चीनी किले से ज़ब हम चलने लगे, तो एक आदमी राहदारी माँगने आया हमने वह दोनों

चिटें उसे दे दीं। शायद उसी दिन हम थोइला के पहले के आखिरी गाँव में पहुंच गए। यहाँ भी

सुमति के जान पहचान के आदमी थे और भिख मंगे रीते भी ठहरने अच्छी जगह मिली। पाँच साल

बाद हम इसी रास्ते लौटे थे और भिखमंगे नहीं एक भद्र यात्री के वेश में घोड़ा पर सवार होकर

आए थे, किंतु उस वक्त किसी ने 'हमें रहने के लिए जगह नहीं दी, और हम गाँव के एक सबसे

गरीब झोपड़े में ठहरे थे।

रोपा है और आप केन्द्रीय विद्यालय भोपाल के छात्र हैं। आपके परिवार की आर्थिक

Answered by bagwanvishal1
1

Answer:

ppooooiiiiiiiiiiijioooooo

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