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प्र0 1 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
शिक्षा शब्द 'शिक्ष' धातु से बना है जिसका अर्थ है - सीखना । इसके अनुसार जिसके द्वारा सीखा जाए, वही
शिक्षा है । शिक्षा के ही समान अर्थ में विद्या शब्द का प्रयोग भी होता है । विद्या शब्द के मूल में संस्कृत की
'विट् धातु है , जो जानने का अर्थ देती है । इस प्रकार जिसको जाना जाए या जिससे ज्ञान मिले , वही विद्या है
'शिक्षा और 'विद्या' से ही 'शिक्षार्थी'और '
विद्यार्थी' शब्द बने हैं । जिनका अर्थ होता है - सीखने की या जानने
की इच्छा रखने वाला । यूँ तो कहा जाता है कि पूरा जीवन ही एक पाठशाला है और मनुष्य उस पाठशाला का
एक स्थाई विद्यार्थी । जानने और सीखने की प्रक्रिया उसके पूरे जीवन भर चलती रहती है। अपने अनुभवों से
स्वाध्याय से , दूसरे लोगों की संगत आदि से मनुष्य जीवन के अंतिम क्षणों तक कुछ-न-कुछ सीखता रहता है
परंतु वह विद्यार्थी या शिक्षार्थी नहीं कहलाता । प्रायः जीवन के प्रारंभिक वर्षों में शिक्षण संस्थानों द्वारा
विधिवत दी जाने वाली शिक्षा या कहें तो स्कूलों और कॉलेजों में चलने वाली ज्ञानात्मक क्रिया को ही शिक्षा
कहा जाता है और इसी तरह से आमतौर पर विद्यालयों , महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त
करने वालों के लिए शिक्षार्थी या विद्यार्थी शब्द रूढ़ है।
क 'शिक्षा' किससे बना है ? इसका क्या अर्थ है ?
ख 'विद्' धातु का क्या अर्थ है ? इस से बनने वाले शब्द कौन कौन से हैं ?
ग 'शिक्षा की प्रक्रिया जीवन भर चलती है।' ऐसा क्यों कहा जाता है ?
घ किसी व्यक्ति को विधिवत शिक्षा कहां से प्राप्त होती है ?
ड उपरिलिखित गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
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xrzfhdhFGSHHJMRHJRARRJAZFHFHMM
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