06
5. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :-
अनुमान के अनुकूल डिब्बा निर्जन नहीं था। एक बर्थ पर लखनऊ की नवाबी नस्ल के एक सफेद पोश सज्जन
बहुत सुविधा से पालथी मार बैठे थे। सामने दो ताजे- चिकने खीरे तौलिए पर रखे थे। डिब्बे में हमारे सहसा
कूद
जाने से सज्जन की आँखों में एकांत चिंतन में विघ्न का असंतोष दिखाई दिया। सोचा, हा सकता है, यह
भी कहानी के लिए सूझ की चिंता में हो या खीरे जैसी अपदार्थ वस्तु का शौक करते देखे जाने के संकोच में
हो। नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया। हमने भी उनके सामने ही बर्थ पर बैठकर
आत्मसम्मान में आँखें
चुरा
ली।
नवाब साह दिखा
(क) लेखक का अनुमान क्या था? वह सेकेंड कलास के डिब्बे में क्यों चढ़ा था?
02
(ख) डिब्बे में पहले से उपस्थित सज्जन की स्थिति का वर्णन कीजिए?
02
(ग) लेखक के आने से सफेदपोश सज्जन की क्या दशा हुई?
02
Answers
Answered by
1
Answer:
- लेखक जिस डिब्बे में चढ़ा वहाँ पहले से ही एक सज्जन पालथी लगाए बैठे थे। उनके सामने दो खीरे रखे थे। लेखक को देखकर उन्हें असुविधा और संकोच हो रहा था। लेखक ने उनकी असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान लगाया कि नवाब साहब यह नहीं चाहते होंगे कि कोई उन्हें सेकंड क्लास में यात्रा करते देखें।
- नवाब साहब के चिंतन में व्यवधान पड़ा, जिससे उनके चेहरे पर व्यवधान के भाव उभर आए।
- नवाब साहब की आँखों में असंतोष का भाव उभर आया।
- उन्होंने लेखक से बातचीत करने की पहल नहीं की।
- लेखक की ओर देखने के बजाए वे खिड़की से बाहर देखते रहे।
- कुछ देर बाद वे डिब्बे की स्थिति को देखने लगे।
- इन हाव-भावों को देखकर लेखक ने जान लिया कि नवाब साहब उनसे बातचीत करने के इच्छुक नहीं हैं
Similar questions