06
आ. निम्नलिखित काव्यांशे को पढ़कर उनपर आधारित प्रश्नों के उत्तर दिजिए।
यह समाधि, यह लघु समाधि है, झाँसी की रानी की।
अंतिम लीलास्थली यही है, लक्ष्मीबाई मर्दानी की।
यहीं कहीं पर बिखर गई वह मग्न-विजय-माला सी।
उसके फूल यहाँ संचित हैं स्मृती शाला-सी ॥
सहे वार पर वार अंत तक, लड़ी वीर बाला-सी।
आहुति-सी गिर पड़ी चिता पर, चमक उठी ज्वाला सी॥
बढ़ जाता है मान वीर का, रण में बलि होने से।
मूल्यवती होती सोने की, भस्म यथा सोने से॥
रानी से भी अधिक हमें, अब यह समाधि है प्यारी।
यह निहित है स्वतंत्रता की, आशा की चिनगारी॥
इससे भी सुंदर समाधियाँ, हम जग में हैं पाते।
उनकी गाथा पर निशीथ में, क्षुद्र जंतु ही गाते॥
पर कवियों की अमर गिरा में इसकी अमिट कहानी।
स्नेह और श्रध्दा से उसको गाती है वीरों की बानी॥
1. कविता में अंतिम लीलास्थली कहने से क्या तात्पर्य है ?
2. वीर का मान कब बढ़ जाता है ?
3. रानी की समाधि इतनी प्रिय क्यों है ?
4. संसार मे और भी सुंदर समाधियाँ हैं, पर इस समाधि और उनमें क्या अंतर है ?
5. विपरीतार्थक शब्द बताइए।
Answers
Answered by
1
Answer:
uieuhrjrkjdhdndjdksgysgsbsnkdlddkgddgdgdbdj
Similar questions