07) भौरा किस का छेदन नहीं करता ?
(क) कमल
(ख) गुलाब
(ग) चमेली
(घ) कुछ नहीं
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पुराने शहर में स्थित बड़े गोपाल मंदिर में 2 सितंबर की रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म अष्टमी मनाई जाएगी। भगवान का रात 9 बजे से पट बंद कर महापूजन शुरू होगा और रात 12 बजे पट खोलकर जन्मआरती की जाएगी। इस मौके पर भगवान का चंपा के फूलों से शृंगार होगा। पुजारियों के अनुसार चंपा के फूलों पर न भंवरा बैठता है, न तितली और न मधुमक्खी। इसका परागण नहीं होता। यह फूल वासना रहित माना जाता है। इसलिए भगवान को जन्मोत्सव पर इन फूलों की माला, कंगन, पैर के कड़े बना कर पहनाए जाएंगे।
बड़ा गोपाल मंदिर जन्म अष्टमी पर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहता है। इस मंदिर का प्रबंधन सिंधिया परिवार करता है। द्वारकाधीश की प्रतिमा की दाड़ी में हीरा लगा होने से यह प्रतिमा उज्जैन आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण रहती है। यहां श्रीकृष्ण जन्म अष्टमी का पर्व सबसे बड़ा उत्सव होता है। मंदिर के पुजारी अर्पित जोशी के अनुसार जन्म अष्टमी की तैयारी की जा रही है। दो सितंबर की रात भगवान का जन्मोत्सव मनेगा। दूसरे दिन तीन सितंबर को नंद उत्सव दिनभर चलेगा। मंदिर परिसर में दिनभर बैंड बजेंगे। श्रद्धालु भजन कीर्तन, नृत्य आदि करेंगे। मिठाइयां बांटी जाएंगी। दर्शनार्थियों को भगवान यशोदा माता की गोद में बालक रूप में दर्शन देंगे। भगवान का झूला लगेगा। श्रद्धालु गोपालजी को झूला झुला सकेंगे। दिनभर लड्डू, पेड़े, माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित होगा। यशोदा माता की झांकी इस दिन आकर्षण का केंद्र रहेगी।
मुंबई का चंदन, वृंदावन की पौषाक से सजावट
जन्म अष्टमी के लिए भगवान की पौषाक वृंदावन से बन कर आई है। दिल्ली से खरीदे कोशा के कपड़े पर बारिश जरी का काम है। सितारे, हीरे, मोती से जड़ी पौषाक भगवान पहनेंगे। शृंगार के लिए मुंबई से खास तरह का सुगंधित चंदन मंगवाया है। मंदिर की सजावट कोलकाता से आए फूलों से की जाएगी।
Answer:
Chameli
चमेली
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