07.
निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को पढ़कर प्रदत्त प्रश्नों के उत्तर 30-40 शब्दों में दीजिए-
मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माल गरें पहिरौंगी।
ओढ़ि पीतंबर लै लकुटि, बन गोधन ग्वारनि संग फिरौंगी।
भावतो वोहि मेरो रसखानि, सों तेरे कहे सब स्वाँग करौंगी।
या मुरली मुरलीधर की, अधरान धरी अधरा न धरौंगी।।
1. प्रस्तुत काव्यांश के आधार पर बताइए कि गोपी श्रीकृष्ण के किन-किन रूपों को धारण करना चाहती है ?
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मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माल गरें पहिरौंगी।
ओढ़ि पीतंबर लै लकुटि, बन गोधन ग्वारनि संग फिरौंगी।
भावतो वोहि मेरो रसखानि, सों तेरे कहे सब स्वाँग करौंगी।
या मुरली मुरलीधर की, अधरान धरी अधरा न धरौंगी।।
1. प्रस्तुत काव्यांश के आधार पर बताइए कि गोपी श्रीकृष्ण के किन-किन रूपों को धारण करना चाहती है
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