Hindi, asked by harshit420roaster, 6 hours ago

08
1
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
आचार्य बसु ने सोचा कि अगर जड़ पदार्थ से ही जीवन का प्रादुर्भाव हुआ है और
जीवन-तत्व या चेतन का बीज किसी अन्य नक्षत्र से नहीं आया तो सम्भव है कि जिसे हम जड़
कहते हैं वह नितांत जड़ नहीं है, चेतन-गर्भा है। इसका पता बाहर से प्रदान की गई उत्तेजनाओं के
प्रति जड़ पदार्थ की प्रतिक्रियाओं का परीक्षण करके ही लगाया जा सकता था।
बिजली के करेंट का जड़ पदार्थ भी प्रत्युत्तर देते है यानी वे उसकी गति का आघात महसूस
करते हैं, यह तो वह देख ही चुके थे। अब उन्होंने देखा कि बाहर की उत्तेजना की मात्रा यदि
अत्यधिक हो तो जड़ पदार्थ भी थकान का अनुभव करते हैं और विश्राम करने के बाद पुन: अपनी
पूर्वावस्था में आ जाते हैं। उन्होंने परीक्षण करके यह देखा की तीव्र उत्तेजक द्रव्यों से जड़ पदार्थो
से भी तीव्र प्रतिक्रिया होती है और उनपर जहरीले द्रव्यों का प्रभाव वैसा ही होता है, जैसा चेतन
प्राणियों पर। अपने परीक्षणों से उन्हें यह विश्वास हो गया कि जड़ और चेतन की प्रतिक्रियाएँ बहुत
कुछ समान होती है, तब उन्होंने जीव-जगत् की ओर दृष्टि घुमाई।
प्रश्न-
1) किस कथन से पता चलता है कि जड़ 'चेतन-गर्भा' है?
क) जड़ नितांत जड़ नहीं है।
ख) जड़ पदार्थो से ही जीवन का प्रादुर्भाव हुआ है
ग) जड़ जमीन के अंदर रहती है।
घ) जड़ पर बाह्य उत्तेजनाओं का असर नहीं होता है
ii) जड़ पदार्थ थकान का अनुभव कब करते हैं?
क) जब बाह्य उत्तेजना की मात्रा अधिक हो
ख) जब बाह्य उत्तेजना की मात्रा कम हो
ग) जब बाह्य उत्तेजना की मात्रा एक समान हो
घ) जब बाह्य उत्तेजना को जड़ पदार्थो से दूर रखा जाए।
iii) निम्नलिखित में से किसका प्रभाव जड़ पदार्थो तथा चेतन पदार्थो पर एक-सा होता है-
क) विषैले पदार्थों का
मधुर पदार्थों का
ग) खट्टे पदार्थों का
घ) उत्प्रेरक पदार्थो का
iv) जड़ पदार्थ अपनी पहले जैसी अवस्था में कब आ पाते हैं?
क) भोजन करने के उपरांत
&​

Answers

Answered by webgarvit9
2

08

1

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

आचार्य बसु ने सोचा कि अगर जड़ पदार्थ से ही जीवन का प्रादुर्भाव हुआ है और

जीवन-तत्व या चेतन का बीज किसी अन्य नक्षत्र से नहीं आया तो सम्भव है कि जिसे हम जड़

कहते हैं वह नितांत जड़ नहीं है, चेतन-गर्भा है। इसका पता बाहर से प्रदान की गई उत्तेजनाओं के

प्रति जड़ पदार्थ की प्रतिक्रियाओं का परीक्षण करके ही लगाया जा सकता था।

बिजली के करेंट का जड़ पदार्थ भी प्रत्युत्तर देते है यानी वे उसकी गति का आघात महसूस

करते हैं, यह तो वह देख ही चुके थे। अब उन्होंने देखा कि बाहर की उत्तेजना की मात्रा यदि

अत्यधिक हो तो जड़ पदार्थ भी थकान का अनुभव करते हैं और विश्राम करने के बाद पुन: अपनी

पूर्वावस्था में आ जाते हैं। उन्होंने परीक्षण करके यह देखा की तीव्र उत्तेजक द्रव्यों से जड़ पदार्थो

से भी तीव्र प्रतिक्रिया होती है और उनपर जहरीले द्रव्यों का प्रभाव वैसा ही होता है, जैसा चेतन

प्राणियों पर। अपने परीक्षणों से उन्हें यह विश्वास हो गया कि जड़ और चेतन की प्रतिक्रियाएँ बहुत

कुछ समान होती है, तब उन्होंने जीव-जगत् की ओर दृष्टि घुमाई।

प्रश्न-

1) किस कथन से पता चलता है कि जड़ 'चेतन-गर्भा' है?

क) जड़ नितांत जड़ नहीं है।

ख) जड़ पदार्थो से ही जीवन का प्रादुर्भाव हुआ है

ग) जड़ जमीन के अंदर रहती है।

घ) जड़ पर बाह्य उत्तेजनाओं का असर नहीं होता है

ii) जड़ पदार्थ थकान का अनुभव कब करते हैं?

क) जब बाह्य उत्तेजना की मात्रा अधिक हो

ख) जब बाह्य उत्तेजना की मात्रा कम हो

ग) जब बाह्य उत्तेजना की मात्रा एक समान हो

घ) जब बाह्य उत्तेजना को जड़ पदार्थो से दूर रखा जाए।

iii) निम्नलिखित में से किसका प्रभाव जड़ पदार्थो तथा चेतन पदार्थो पर एक-सा होता है-

क) विषैले पदार्थों का

मधुर पदार्थों का

ग) खट्टे पदार्थों का

घ) उत्प्रेरक पदार्थो का

iv) जड़ पदार्थ अपनी पहले जैसी अवस्था में कब आ पाते हैं?

क) भोजन करने के उपरांत

&

Similar questions