1.
1. निम्न लिखित पद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए।
कण-कण में है व्याप्त वही स्वर
रोम-रोम गाता है वह ध्वनि,
वहीन तान गाती रहती है
कालकूट फणि की चिंतामणि ।
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