Hindi, asked by tanugupta1011, 2 months ago

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1०1) निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
काशी के सेठ गंगारास एक दिन गंगा में स्नान कर रहे थे कि तभी एक व्यक्ति नदी में कूदा और दुबकियाँ खाने लगा। रोड
जी तेजी से तैरते हुए उसके पास पहुँचे और किसी तरह खींच कर उसे किनारे ले आए। वह उनका मुनीम भरलाल था।
उन्होंने पूछा, "आपको किसने गंगा में फेंका?" नंदलाल बोला,"किसी ने नहीं, मैं तो आत्महत्या करना चाहता था।"
सेठ जी
ने इसका कारण पूछा तो उसने कहा, "मैंने आपके पाँच हजार रुपए चराकर सट्टे में लगाए और हार गया। मैंने सोचा कि
आप मुझे जेल में भिजवा देंगे इसलिए बदनामी के डर से मैंने मर जाना ही ठीक समझा।" कुछ देर तक सोचने के बाद से
जी ने कहा, “तुम्हारा अपराध माफ किया जा सकता है लेकिन एक शर्त है कि आज से कभी किसी प्रकार का सहा नहीं
लगाओगे।" नदलाल ने वचन दिया कि वह अब ऐसा काम नहीं करेगा। सेठ ने कहा, "जाओ माफ किया। पाँच हजार रुपए
मेरे नाम घरेलु खर्च में डाल देना।" गुनीम भौचक्का रह गया। सेठ जी ने कहा, "तुमने चोरी तो की है लेकिन स्वभाव से तुम
चोर नहीं हो तुमने एक भूल की है, चोरी नहीं। जो आदमी अपनी एक भूल के लिए मरने तक की बात सोच ले, यह कभी
चोर नहीं हो सकता।
से चोर नहीं हो?'​

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Answered by prajapatitanmaya
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