1 1. राजू को उसका पुराना स्कूल कैसा लगता था?
2. राजू के प्रति नये स्कूल के साथियों का व्यवहार कैसा था?
3. राजू ने अपने स्कूल को किस तरह उपहार समर्पित किया?
Answers
१) राजू अपने पुराने स्कूल में एक मेधावी छात्र रहा था
पुराने स्कूल में उसके बहुत सारे मित्र थे और सभी अध्यापक भी उसे पसंद किया करते थे
जब भी कोई कठिनाई होती तो राजू सबसे पहले उसकी मदद के लिए पहुंच जाता
उसकी टांग गेम बहुत दुर्बल टीम इस कारण उसे खेलने में रुचि ना थी
जब भी उनके स्कूल में मैच होता राजा अपने साथियों को खेलते हुए देखना और जोर शोर से उनका उत्साह बढ़ा था
राजू का विचार था कि यदि स्वर्ग में भी स्कूल हो तो वह भी उसके पुराने स्कूल से ज्यादा अच्छा तो नहीं हो सकता
२) राजू नहीं है स्कूल में प्रवेश करते ही सभी बच्चे उसके टांगे की ओर संकेत करके हंस रहते थे और उसका मजाक उड़ाते थे
कुछ ही क्षणों में पूरा मैदान और बरामदे का उर्दू हल से देखने और उसकी ओर इशारा करके हंसने वालों से भर गए
स्कूल के अध्यापक भी हाथ से कैसे गुजारे जैसे कुछ हो ही नहीं रहा है
अध्यापक के राज्यों से पूछने पर उसने बताया कि वह यह गांव के स्कूल से आया है
यह सुनकर सभी छात्र बहुत हंस है लेकिन मधुर स्वभाव वाले राजू को गुस्सा नहीं
अगले दिन उससे और अगला दिन और फिर महीने का हर दिन उसके लिए ऐसा ही रहा
उसका कोई मित्र भी नहीं बन पाया था
आधी छुट्टी में जब बाकी सभी लड़के खेलने जाते तो वह कक्षा में ही बैठा रहता
अब तक पूरा स्कूल जान गया था कि राजू एक नंबर लड़का है और उसे अपने गांव के स्कूल का बड़ा घमंड है
३) राजू बहुत मेधावी छात्र था
वह गांव के स्कूल से शहर के स्कूल में पढ़ने के लिए आया था
वह जल्दी नहीं चल सकता था
सभी छात्र उसका बहुत मजाक उड़ाते थे
सभी छात्र जान गए थे कि राजू एक गवर्नर का है
आखिर राजू ने इस स्थिति से निबटने के लिए बड़ी चतुराई से एक योजना बनाई
इसलिए उसने घर पर अधिक परिश्रम किये। आखि२ उ से नए स्कूल के समक्ष प्रमाणित करना ताकि उसका पुराना गांव का स्कूल कोई गम नहीं था।
राजू अपनी पढ़ाई करता रहाउसने परीक्षा है अच्छी तरह लिखीं।परिणाम निकलने के दिन पूरे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा फल देखने गयाफिर वह कक्षा में प्रथम आया थाप्रथम आने पर वह इतना प्रसन्न कभी नहीं हुआ था और क्योंकि अब उसने अपने स्कूल को सुंदर और समुचित उपहार समर्पित किया है