1. 2. दीवाली कैसे मनाते हैं? ईद कैसे मनाई जाती है? क्रिसमस के दिन ईसाई क्या करते हैं? बैसाखी क्यों मनाई जाती है? 3. 4.
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दीवाली
यह त्योहार लगभग सभी धर्म के लोग मनाते हैं। इस त्योहार के आने के कई दिन पहले से ही घरों की लिपाई-पुताई, सजावट प्रारंभ हो जाती है। इन दिन पहनने के लिए नए कपड़े बनवाए जाते हैं, मिठाइयां बनाई जाती हैं। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है इसलिए उनके आगमन और स्वागत के लिए घरों को सजाया जाता है।
ईद
पवित्र कुरान के मुताबिक, रजमान के पाक महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह एक दिन अपने बंदों को इनाम देता है, जो दिन ईद का होता है। वहीं अल्लाह के बंदे उनका शुक्रिया अदा करते हैं। ईद का त्योहार सबको साथ लेकर चलने के लिए जाना जाता है। ईद पर हर मुसलमान एक साथ नमाज पढ़ते हैं और एक दूसरे को गले लगाते हैं।
क्रिसमस
इस दिन ईसाई धर्म के लोग अपने घरों और गिरजा घरों को खास रूप से सजाना होता है. क्योंकि कहते हैं कि ईसाई मसीह को इससे खुशी मिलती है. 2-इतना ही नहीं क्रिसमस के दिन गिरजा घरों में हर किसी को कैंडिल या मोमबत्ती जलाने की परंपरा है. इस दिन ईशु की प्रार्थना करना जरूरी होता है, वो चर्च या घर में करना होता है.
बैसाखी
इस दौरान खेतों में रबी की फसल पककर लहलहाती हैं, किसानों के मन में फसलों को देखकर खुशी मिलती औऱ वह अपनी खुशी का इजहार बैसाखी के पर्व को मनाकर करते हैं। इस पर्व को लेकर मान्यता है कि इस दिन सिख धर्म के 10वें गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। साथ ही यह त्योहार सिख धर्म के लिए कुछ ऐतिहासिक मूल भी रखता है।