1(2) वर्षाऋतु में हरियाली कहाँ-कहाँ लहराती है?
Answers
Answer:
सावन के महीने में रिमझिम फुहारों की शीतलता से लोगों का मन पुलकित हो उठता है। ग्रीष्म ऋतु के प्रचंड रूप से त्रस्त होकर लोग वर्षा के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। तब चारों ओर हरियाली छा जाती है और इसी सुहावने मौसम के स्वागत में मनाया जाता है-हरियाली तीज का त्योहार। इसे श्रावणी या मधुश्रवा तीज के नाम से भी जाना जाता है।
त्योहार के विविध रंग : बुंदेलखंड में इस अवसर पर घर के पूजा स्थल पर भगवान के लिए छोटा झूला स्थापित करके उसे आम या अशोक के पल्लव और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है। फिर स्त्रियां भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह को झूले पर रखकर श्रद्धा से झुलाते हुए मधुर स्वर में लोकगीत गाती हैं। इस अवसर पर श्रावण मास की सुंदरता से जुडे खास तरह के लोकगीत गाए जाते हैं, जिन्हें कजरी कहा जाता है।
बिहार के मिथिलांचल में भी सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं, जिसे वहां मधुश्रावणी के नाम से जाना जाता है। वहां की बेटियां विवाह के बाद पहली मधुश्रावणी का त्योहार अपने मायके में बड़े धूमधाम से मनाती हैं।
Answer:
Varsha rutu mein hariyali Kahan kahan lehrati hai