Hindi, asked by hjp806040, 4 months ago


(1) आप अपनी पाठशाला में से किसी यात्रा पर गए हों, तो उसका वर्णन अपने शब्दों में
कीजिए।​

Answers

Answered by bhatiamona
32

आप अपनी पाठशाला में से किसी यात्रा पर गए हों, तो उसका वर्णन अपने शब्दों में

कीजिए।​

अपनी पाठशाला की तरफ से मैं पर्वतीय स्थल यात्रा पर गई थी| हम हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले घुमने गए थे। चम्बा एक पर्वतीय स्थल है। चारों ओर हरे-भरे पहाड़ों व सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से घिरा यह स्थल है।  चारो तरफ बर्फ से ढकी पहाड़ियों पर स्थित चम्बा ऐसा लग रहा था हम कोन सी दुनिया में आ गये है। यहां की घाटियों में जब धूप के रंग बिखरतें हैं तो इसका सौन्दर्य देखते को बहुत सुन्दर लगता है|

चम्बा की खूबसूरत वादियों को ज्यों-ज्यों हम पार करते रहे हैं, आश्चर्यों के कई नए सुन्दर जगह सामने आती रही हैं। लक्ष्मीनारायण मंदिर चम्बा का सबसे विशाल और पुराना मंदिर है।  

चम्बा में चौगान चौड़ा खुला घास का मैदान है। चौगान में हर वर्ष मिंजर मेले का आयोजन किया जाता है। बहुत मज़ा आया घुमने में मन कर रहा था वापिस ना आए वंहा की ताज़ी हवा मन को ताजा कर देती है|

Answered by gohilalka65
6

Answer:

पिछले वर्ष दीपावली की छुट्टियों में हमारी पाठशाला की तरफ से माउंट आबू के प्रवास का आयोजन किया गया था। प्रवास में 45 विद्यार्थी और 3 शिक्षक थे।

आबू रोड़ तक की यात्रा हमने ट्रेन से की। आबू रोड़ से माउंट आबू जाने के लिए हम राजस्थान परिवहन निगम की बस में सवार हुए। दूर से आबू पर्वत दिखाई दिया। बस का मार्ग घुमावदार था। बस की गति भी बहुत धीमी थी। दोनों ओर भयानक खाइयाँ थीं। लेकिन हरियाली और ठंडे पवन के झोंके सुख दे रहे थे।

बहुत ऊँचाई पार करने के बाद हमारी बस रघुनाथ मंदिर के पास खड़ी हो गई। उस समय सुबह के दस बज रहे थे। उस समय वहाँ बड़ी चहल-पहल थी। सड़कों पर मेटाडोर, जीपें और कारें दौड़ रही थीं। जगह-जगह टूरिस्ट गाइड-सेंटरों, होटलों और यात्री-आवासों के साइन बोर्ड लगे हुए थे। हम पहले से ही आरक्षित एक लॉज में उतरे। दो कमरे थे जिनमें आधुनिक सभी सुविधाएँ थीं।

भोजन और विश्राम के बाद हम ऐतिहासिक देलवाड़ा मंदिर देखने गए। वहाँ की कला देखकर हम दंग रह गए। देवरानी-जेठानी मंदिर सचमुच बहुत सुंदर हैं। उनकी नक्काशी और शिल्प की बारीकी देखनेलायक है।

अगले दिन हमने टोड रॉक और पोलो ग्राउंड देखा। फिर हम वशिष्ठाश्रम गए। अचल गढ पर स्थित भतृहरी की गुफा देखी। हम अर्बुदा देवी के मंदिर भी गए। नखी तालाब में हमने नौकाविहार का मजा लूटा। एक दिन हमने आबू के सबसे ऊँचे गुरुशिखर पर दत्तात्रेय के पद-चिहनों के दर्शन किए। वहाँ के ऊँचे विशाल घंट को बजाया और उसकी मधुर ध्वनि का आनंद लिया। हमने वहाँ के ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विद्यालय की भी मुलाकात ली।

हम वहाँ तीन दिन रहे। सबने मिलकर खूब आनंद किया। उस प्रवास की यादें अभी तक मेरे मन में ताजा है।

Explanation:

I hope it will help you

Mark brainlist

please

I am Jeon K

Similar questions