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१. आप किन कार्यों द्वारा मृत्यु को चिरस्मरणीय बना सकते हैं
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Explanation:
मृत्यु कोई शब्द नही बल्कि, हिन्दू धर्म के महाभारत ग्रन्थ के अनुसार, मृत्यु एक परम पवित्र मंगलकारी देवी है। सामान्य भाषा मे किसी भी जीवात्मा अर्थात प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं। मृत्यु सामान्यतः वृद्धावस्था, लालच, मोह,रोग,, कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। मुख्यतया मृत्यु के 101 स्वरूप होते है, लेकिन मुख्य 8 प्रकार की होती है। जिसमे बुढ़ापा, रोग, दुर्घटना, अकस्मती आघात, शोक,चिंता, ओर लालच मृत्यु के मुख्य रूप है।
मानव खोपड़ी मौत के लिए एक सार्वभौमिक प्रतीक है।
आँख "अनन्त जीवन के लिए प्राचीन मिस्र के प्रतीक है।" वे और कई अन्य संस्कृतियों के बाद से एक पोर्टल के रूप में एक जीवन के बाद में जैविक मौत देखी है।
Explanation:
विचार लो कि मृत्यु हो न मृत्यु से डरो कभी मरो परंतु या मरो की याद तो करें सभी नवनिर्मित उसकी जो सदैव अमित्य से डरे वही उदार है