1-आदमी का आचरण कैसा होना चाहिए? कविता के आधार पर लिखिए ।
2- कविता आदमीनामा के आधार पर आदमी की विशेषताएँ लिखिए ।
3- मनुष्य के भिन्न – भिन्न रूप दिखाने के पीछे कवि की क्या दृष्टि हैं?
4- जारदार बनवा से क्या तात्पर्य है?
5- चारो छंद में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए ।
Answers
निम्नलिखित प्रश्न आदमीनामा कविता से लिए गए है इसके उत्तर इस प्रकार है:
आदमीनामा कविता कवि नज़ीर अकबराबादी द्वारा लिखी गई है|
1-आदमी का आचरण कैसा होना चाहिए? कविता के आधार पर लिखिए|
इस दुनिया में सभी अलग-अलग स्वभाव के व्यक्ति होते है लेकिन कविता के आधार पर मनुष्य का का आचरण दूसरों के प्रति प्रेम भावना वाला और मदद करने वाला होना चाहिए | अपने लिए तो सब जीते कभी-कभी ओरों के लिए भी जीना चाहिए | मनुष्य को परोपकारी और धर्म की रक्षा करने वाला होना चाहिए|
2- कविता आदमीनामा के आधार पर आदमी की विशेषताएँ लिखिए ।
आदमी नामा' कविता किसी व्यक्ति के अच्छे स्वभाव का उल्लेख करती है, उसके कर्म और विशेषता को अभिव्यक्ति करती है | इस संसार में आदमी की अहमियत है| इस संसार में जो भी करता कार्य हो रहा है वो आदमी ही करता है| आदमी के दो रूप है | एक आदमी वह जो दूसरों के आगे हाथ फैलता है और एक वह बादशाह बन के दूसरों को देता है|
3 मनुष्य के भिन्न – भिन्न रूप दिखाने के पीछे कवि की क्या दृष्टि हैं?
मनुष्य के भिन्न – भिन्न रूप दिखाने के पीछे कवि की दृष्टि में वो भी आदमी ही है| कवि मनुष्य के भिन्न-भिन्न रूपों का वर्णन करते हुए कहते हैं कि कुछ लोग शरीफ़ तो कुछ लोग कमीने स्वभाव के होते हैं। बादशाह से लेकर व़जीर काम करने वाले आदमी ही होते हैं।
वह मनुष्य ही है जो दूसरों के अपमान करने का मौका नहीं छोड़ता वही दूसरी और मदद के किए पुकारने वाला और उसकी सहायता करने वाला भी आदमी ही है अर्थात् सभी का स्वभाव और व्यवहार अलग-अलग होता है| मनुष्य अपने कामों से अलग बनाता है पर है तो वह आदमी ही|
4- जरदार बेनवा से क्या तात्पर्य है?
जरदार बेनवा से कवि का मतलब है कि इस दुनिया में कोई मनुष्य ज़रदार = मालदार या अमीर हो वह भी आदमी है और कोई मनुष्य बेनवा = कमज़ोर , गरीब है वह भी आदमी है|
दुनिया में तरह तरह के आदमी होते हैं। सब अपने हिसाब से जीवन व्यतीत करते है|
चाहे राजा हो या प्रजा; दोनों आदमी ही हैं। चाहे धनी हो या निर्धन; दोनों आदमी ही हैं। जो आदमी स्वादिष्ट भोजन खा रहा है वो भी आदमी है और जो सूखे टुकड़ों पर पल रहा है वो भी आदमी है।
5- चारो छंद में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए ।
चारो छंद में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों के बारे में बताया है| इस कविता में कवि ने आदमी के सकारात्मक रूप में
कवि ने आदमी को एक बादशाह, धर्मगुरु बनने वाले ,कुरान शरीफ और नमाज पढ़ने वाले,अमीर लोगों ,स्वादिष्ट भोजन खाने वाले ,दूसरों के लिए अपने प्राण त्याग करने वाले, शासन करने वाले ,राजा, मंत्री ,सज्जन ,सबकी मदद करने वाले गुरु ,शिष्य और अच्छे कार्य करने वाले के रूप दिखाया है|
कवि ने आदमी के नकारात्मक रूप में
कवि ने आदमी को गरीब, कमजोर, भिखारी ,सुखे टुकड़े चबाने वाले, मस्जिद से जूते चुराने वाले, लोगों को तलवार से मारने वाले ,दूसरों का अपमान और दुखी करने वाले, नौकर का काम करने वाले, नीच और बुरे व्यक्ति का रूप दिखाया है|
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(क) पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बख़ान करती है? क्रम से लिखिए।
(ख) चारों छंदों में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।