1- अकेंछण के उद्देश्यो का वर्णन कीजिए, तथा अशुद्धियो और कपटो के वर्गीकरण का स्पष्ट वर्णन कीजिए।
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जिस प्रकार शरीर की व्यवस्थता की जाँच डॉक्टर से कराना आवश्यक है, उसी प्रकार लेख-पुस्तकों की जाँच अंकेक्षण से कराना आवश्यक है। डॉक्टर शरीर जाँच के बाद यह प्रमाणित करता है कि शरीर में दोष है या नहीं; यदि है तो किस प्रकार का है, ऐसा रिपोर्ट में लिख देता है। उसी प्रकार लेखा पुस्तकों का डॉक्टर (अंकेक्षण) भी उनके दोषी होने या दोषी ना होने का एक रिपोर्ट देता है। अंकेक्षण से तात्पर्य किसी संस्था की लेखा-पुस्तकों की विशिष्ट एवं आलोचनात्मक जाँच से है जो एक योग्य एवं निष्पक्ष युक्ति के द्वारा प्रमाणकों, प्रपत्रों सूचना तथा स्पष्टीकरणों की सहायता से की जाती है।
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