1. अमृतलाल नागर के कृतित्व पर प्रकाश डालिए।
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अमृतलाल नागर( 17 अगस्त, 1916 - 23 फरवरी, 1990) हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। आपको भारत सरकार द्वारा १९८१ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
अमृतलाल नागर के कृतित्व पर प्रकाश डालिए।
अमृतलाल नागर हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध साहित्यकार थे, जिनका जन्म 17 अगस्त 1916 को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में हुआ था। उन्होंने अनेक प्रकार के उपन्यास, कहानी-संग्रह, नाटक, व्यंग्य आदि कृतियों की रचनाएं कीं। उन्होंने बाल साहित्य की रचना भी की। इसके अलावा उन्होंने अनुवाद कार्य, संपादन कार्य किया है। उनके द्वारा कुछ संस्मरण भी लिखे गए हैं।
अमृतलाल नागर के कृतित्व
उपन्यास :
बूंद और समुद्र, शतरंज के मोहरे, सात घूंघट वाला मुखड़ा, मानस का हंस, खंजन नयन, करवट, पीढ़ियां, अमृत और विष, सुहाग के नूपुर आदि।
अमृतलाल नागर द्वारा लिखित कहानी संग्रह :
अवशेष, वाटिका, एटम बम, पांचवा दस्ता और सात कहानियां, भारत पुत्र नौरंगीलाल, पीपल की परी, काल दंड की चोरी, मेरी प्रिय कहानियां, एक दिल हजार अफसाने, सिकंदर हार गया, तुलाराम शास्त्री आदि।
उनके द्वारा लिखे गए नाटक :
चंदनवन, बात की बात, युगावतार, उतार-चढ़ाव, नुक्कड़, चढ़त न दूजो रंग, चक्करदार सीढ़ियां और अंधेरा आदि।
अमृतलाल द्वारा रचित बाल साहित्य :
फूलों की घाटी, अकल बड़ी या भैंस, बजरंगी पहलवान, सतखंडी हवेली का मालिक, त्रिलोक विजय आदि।
इसके अलावा अमृतलाल नागर ने अनुवाद कार्य और संपादन कार्य भी किये।
उनके द्वारा लिखे गए संस्मरण में गदर के फूल, यह कोठे वालियां, जिनके साथ ही जिया आदि हैं।