Hindi, asked by saanvibhardwaj2008, 15 days ago

1 अन्दाज़ा 3. निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त स्थान पर अनुस्वार-अनुनासिक का प्रयोग क हिन्दी 'टिकदी चकाचौंन्ध गङ्गा शृङ्गार शृंगार कवा आगन काव-काव सञ्चालन ठण्डा जाएगे व्यञ्जन सम्बन्धी खुम्भु आधी मुह​

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Answered by amarjit1121
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1 अन्दाज़ा 3. निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त स्थान पर अनुस्वार-अनुनासिक का प्रयोग क हिन्दी 'टिकदी चकाचौंन्ध गङ्गा शृङ्गार शृंगार कवा आगन काव-काव सञ्चालन ठण्डा जाएगे व्यञ्जन सम्बन्धी खुम्भु आधी मुह

Answered by madhusudanbadgujar02
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Explanation:

अनुनासिक

अनुनासिकCBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1

अनुनासिकCBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।

अनुनासिकCBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसे

अनुनासिकCBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसेसंचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + अ

अनुनासिकCBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसेसंचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + असंभव = स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ ।

अनुनासिकCBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसेसंचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + असंभव = स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ ।संघर्ष = स् + अं(अ + ङ्) + घ् + अ + र् + ष् + अ

अनुनासिकCBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसेसंचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + असंभव = स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ ।संघर्ष = स् + अं(अ + ङ्) + घ् + अ + र् + ष् + असंचयन = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + य् + अ + न् + अ

अनुनासिकCBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसेसंचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + असंभव = स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ ।संघर्ष = स् + अं(अ + ङ्) + घ् + अ + र् + ष् + असंचयन = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + य् + अ + न् + अ

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