1-अपने क्षेत्र में भारी यातायात के कारण होने वाली असुविधा का वर्णन करते हुए क्षेत्र के सांसद को को पत्र लिख
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प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट : वर्तमान में शहरों में तेजी से बढ़ती आबादी के कारण सड़कों पर वाहनों का दबाव भी बढ़ा है। बढ़ते वाहनों के कारण शहरों में यातायात व्यवस्था चरमरा कर रह गई है जिससे अकसर जाम की स्थिति पैदा होती है और यातायात प्रभावित होता है। बहुत से वाहनों की की पूरी फिटनेस न होने से आए दिन यह दुर्घटनाएं हो रही हैं।
फरीदकोट जिले में पिछले पांच सालों में 45000 वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। परिवहन विभाग के अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि प्रति महीने सात से आठ सौ वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता है, जिनमें छह सौ वाहन दो पहिया और शेष में 25 की संख्या कार की एवं दस से पंद्रह संख्या में बस व ट्रकों के रजिस्ट्रेशन होते हैं इसके अलावा कृषि कार्य में प्रयोग होने वाले व अन्य व्यावसायिक वाहन हैं।
जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिले में एक लाख की संख्या में छोटे-बड़े व व्यवसायिक वाहन हैं। इसके अलावा प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक वाहन सड़कों पर उतर रहे हैं। सड़कों पर वाहनों के दबाव के चलते व ट्रैफिक नियमों का पालन न करने के कारण सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है।
जिला ट्रैफिक इंचार्ज एसआइ अमरजीत सिंह ने बताया कि सड़कों पर हो रहे ज्यादातर हादसों के पीछे कृषि कार्य में प्रयोग होने वाले पीटर रेहड़ा उर्फ जुगाड़, टै्रक्टर-ट्राली व अन्य वाहन हैं। इसके अलावा तेज गति से वाहन चलाने व ट्रैफिक नियमों का पालन न करने के कारण भी सड़क हादसों का कारण बनते हैं।
उन्होंने बताया कि टै्रक्टर-ट्राली व जुगाड़ वाले वाहनों व चालकों की चेकिंग समय-समय पर की जाती है लेकिन बहुत से लोग इस चेकिंग से बच जाते हैं। जल्द ही पूरे जिले में ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ अभियान चला कर कार्रवाई की जाएगी।
डेढ़ से 200 की संख्या में सड़कों पर दौड़ रहे है जुगाड़
डीजल इंजन से तैयार किए गए जुगाड़ उर्फ पीटर रेहड़ा गाड़ी बिना किसी परिमिशन के गांव से लेकर शहर की सड़कों व हाइवे पर बेखौफ दौड़ते रहते है। ऐसे वाहनों से कृषि कार्य, व्यवसायिक व सावारियों का आवागमन खुलेआम होता है और परिवहन विभाग एवं ट्रैफिक पुलिस मौन बनी बैठी है, जबकि ऐसे वाहन अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं।
डीसी