Hindi, asked by pallabikumari1990, 5 months ago

1. अपनी माँ को एक पत्र लिखकर बताइए कि उनसे कितना प्रेम करते हैं और उनके बारे में क्या महसूस करते है।(Creative Writing) Write this letter in hindi in 100 words.

Please answer correct. if correct i will share 40 points to his/her brainly account.
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Answers

Answered by preetitarale05
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Answer:

माता को पत्र आदरणीया,

एक समय था जब आप युवा थी | आपका सौन्दर्य एक बड़े भू भाग को मुग्ध किये हुए था | आपका माधुर्य जन-मानस में भरा हुआ था | आपके स्नेह से सब अभिभूत थे | समस्त बुद्धिजीवी आपको शीश नवाते थे | आप सभी के लिए कल्याणकारी थी | सभी आपके आभारी थे | पहले आपकी माता को जो सम्मान प्राप्त था, वही सम्मान अब आपको मिलने लगा था | हम सब आपको माता कहते थे | लम्बे समय से सभी आपकी गोद में खेले | सभी ने अपनी किलकारियों में आपको पुकारा | सभी को आपने बोलना सिखाया |

फिर एक दिन चुपके से लुटेरों के साथ कोई आयी | हाँ, लुटेरे ही तो थे वो | धीरे - धीरे उसने अपना परिचय बढाया | पता नहीं लोगों ने उसमे क्या देखा ? सब उससे सम्मोहित से होने लगे और कब वो आपकी सौतन बन बैठी, पता ही न चला | आपका प्रभाव धूमिल होता गया और वो उज्ज्वल स्वर्णमयी हो उठी | आप जैसा स्नेह उसमें कहाँ ? परन्तु हे माता ! अब तो सभी उसको माता मानने लगे हैं | कहाँ आपके आँचल की शीतल छाँव और इनके पास .......................... इनके पास तो आँचल ही नहीं | आपका ममतामयी मुखमण्डल और इधर मादक रूप | यह सब कैसे हो गया ? समस्त विश्व जानता है कि हमने कभी किसी का अपमान नहीं किया | फिर आपके साथ ऐसा क्यों हुआ ? आपका का परित्याग हो गया और वो सिंहासनारूढ हो गयी |

लोग आपकी उसी ऊँगली को छोड़ने लगें हैं , जिसे पकड़कर उन्होंने चलाना सीखा | कुछ तो बहुत दूर गए | सच तो यह है कि आपके बच्चे अब यह मानने को तैयार ही नहीं कि आपके मार्गदर्शन में वे आगे तक जा सकते हैं | धीरे-धीरे आपके सभी पुत्र उसके सेवक बनते जा रहे हैं और अपने आप को धन्य समझ रहे हैं | मै भी कब तक आपका दामन से लिपटा रहूँ ? सच तो यह है कि मुझे भी अब आपको माता कहकर हँसी का पात्र बनना अच्छा नहीं लगता | मुझे आपके कारण अपमानित होना पड़ता है | बस अब तो आप किसी अवसर विशेष पर स्मरण करने के योग्य रह गयी है | बस उस दिन मैं भी आपको स्मरण कर लिया करूँगा |

हे देवभाषा ‘संस्कृत’ की पुत्री ‘हिन्दी’ ! अपने पुत्र को आशीर्वाद दीजिये कि वो विदेशी ‘आंग्ल भाषा’ को अपना सके अपने स्वतन्त्र राष्ट्र में सम्मान के साथ रह सके |

सादर चरण स्पर्श | आपका लाडला

भारत-पुत्र

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