1. अपठित बोध- निम्नलिखित पद्यांश को ध्यान से पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में लिखिए। चल खेत में, या कारखाने में जुलूसों और नारों के प्रदर्शन से और प्रचारों से, न देश कोई जीता है। सिपाही के लिए कपड़ा, जवानों के लिए भोजन सभाएँ बुन नहीं सकतीं, उगा सकते नहीं नारे | पड़ा है देश पर संकट लगी है जान की बाज़ी यही तो है समय कुछ काम कर, कुछ काम कर प्यारे |
(क) कवि किससे काम करने को कहता है ?
ख) सभाएँ और नारे क्या नहीं कर सकते ?
(ग) आज खेत और कारखानों में काम करने की ज़रूरत क्यों है ?
(घ) 'सभाएँ' शब्द का एकवचन रूप लिखिए |
(ङ) पद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा ?
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- कवि हमसे काम करने को कह रहा है ।
- सभाएँ और नारे कपडे और भोजन नही बना सकते ।
- आज खेत और कारखानों में काम करने की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि देश आर्थिक संकट में है ।
- सभा ।
- "उठो और काम करो"
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