1.अपठित गद्यांश
हिन्दी साहित्य को ही लीजिए जहाँ वीर गाथा काल की रचनाओं में सोई वीरता को जगाने की शक्ति है, वहाँ भक्ति कालीन साहित्य में ईश्वर के प्रति अनन्य आरथा और भक्ति भाव को जगाने की अदभुत क्षमता भी है। रीतिकाल के साहित्य में अंगार की प्रबलता के बावजूद, कुछ कवियों ने कीचड में कमल के समान अपनी कुछ रचनाओं से कर्तव्य विमुख समाज को कर्तव्य पथ पर बढ़ने की प्ररेणा दी है। आधुनिक काल के साहित्य में जीवन की व्यापकता का सफल चित्रण है, इस
प्रकार साहित्य में अनन्त जीवन शक्ति मिली रहती है। उपर्युक्त गद्यांश से निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
क) वीरगाथा काल की रचनाओं का क्या उद्येश्य रहा है?
ख) कर्तव्यबोध कराने की क्षमता किस काल के साहित्य में है?
ग) आधुनिक काल का साहित्य किस लिए महत्वपूर्ण है?
घ) इस गद्यांश का उचित शीर्षक क्या हो सकता है?
ड) व्यापकता शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग किया गया?
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क. वीरगाथा काल में रचना का उदेश सोई वीरता को जगाने की शक्ति है|
ख. रीतिकाल में
ग.जीवन में वयापकता का सफल चित्रण है|
घ.हिंदी साहित्य|
ङ. कता|
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