(1. अरे इन दोहुन राह न पाई' से कबीर का क्या आशय है और वे किस राह की बात कर
इस देश में अनेक धर्म, जाति, मजहब और संप्रदाय के लोग रहते थे किंतु कबीर हिंदू और
4. 'कोन राह ह्वे जाई' का प्रश्न कबीर के सामने भी था। क्या इस तरह का प्रश्न आज समाज
रहे हैं?
मुसलमान की ही बात क्यों करते हैं?
3. 'हिंदुन की हिंदुवाई देखी तुरकन की तुरकाई' के माध्यम से कबीर क्या कहना चाहते हैं।
वे उनकी किन विशेषताओं की बात करते हैं?
में मौजूद है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
5. 'बालम आवो हमारे गेह रे' में कवि किसका आह्वान कर रहा है और क्यों?
6. 'अन्न न भावै नींद न आवै' का क्या कारण है? ऐसी स्थिति क्यों हो गई है?
7. 'कामिन को है बालम प्यारा, ज्यों प्यासे को नीर रे' से कवि का क्या आशय है? स्पष्ट
कीजिए।
8. कबीर निर्गुण संत परंपरा के कवि हैं और यह पद (बालम आवो हमारे गेह रे) साकार प्रेम
की ओर संकेत
Answers
Answered by
1
Answer:
...........................
Similar questions
English,
2 months ago
Math,
2 months ago
Social Sciences,
2 months ago
Science,
4 months ago
Physics,
9 months ago