1.अधोलिखित वाक्येषु रेखाकितानां पदानां सन्धिं सन्धिविच्छेदं वा प्रदत्तविकल्पेभ्यः चित्वा लिखत ।
1. प्रकृतिः +______शरणम् ।
(क) प्रकुतिरेव
शरणम् ।
(ख) प्राकृतिरेव
(ग) प्रकृतिरेव
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लंकार (Figure of Speech) परिभाषा: अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं काव्यशरीर, अर्थात् भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित तथा सुन्दर बनानेवाले चमत्कारपूर्ण मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है। "अलंकरोति इति अलंकारः"- जो अलंकृत करता है, वही अलंकार है। भारतीय साहित्य में अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिशयोक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं। अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है- अलम + कार, यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘ आभूषण। मानव समाज बहुत ही सौन्दर्योपासक है उसकी प्रवृत्ति ने ही नए अलंकारों को जन्म दिया गया है। अलंकार, कविता-कामिनी के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। भूषण बिना न सोहई – कविता, बनिता मित्त अलंकार के भेद अलंकार को व्याकरण शास्त्रियों ने उनके गुणों के आधार पर तीन भी किया हैं - शब्दालंकार, अर्थालंकार और उभयालंकार। हमारे पाठ्यक्रम में शब्दालंकार और अर्थालंकार
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