(1) अधुवी आणविक ठोस- इस श्रेणी में आणविक
या परमाणविक (उत्कृष्ट गैस) पदार्थो को रखा गया है जिनमें
अणुओं के मध्य परिक्षेपण या लण्डन वाण्डर वाल बल उपस्थित
होते है। ये बल अत्यन्त दुर्बल प्रकृति के भौतिक बल होते है अतः
इस प्रकार के ठोस पदार्थो के गलनांक-क्वथनांक बहुत न्यून
होते है तथा ये अतिवाष्पशील होते है। ये वैद्युत के कुचालक
होते है तथा जल जैसे ध्रुवीय विलायकों में अविलेय होते है। इस
कारण ये निम्न तापों पर ही प्रायः ठोस अवस्था में प्राप्त होते है
जबकि कमरे के ताप पर सामान्यतः द्रव या गैस प्रावस्था मे होते
है। उदाहरणार्थ अति न्यून तापों पर 0, , N., Cl, , CH., CCl,
Ar, Kr, Xe इत्यादि ठोस अवस्था में लाये जा सकते है। इस
श्रेणी के कुछ पदार्थ जैसे I, कमरे के ताप पर भी ठोस अवस्था में
होते हैं।
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Explanation:
Yes..........
I don't understand English
Sorry guys
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