1. अवायवीय एवं वायवीय श्वसन के विभेदों को स्पष्ट करें।
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उत्तर-वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में अन्तर-
वायवीय श्वसन (Aerobic respiration)
1. ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है तथा शक्ररा का पूर्ण विघटन होता है।
2. जल व कार्बन डाइऑक्साइड अन्तिम उत्पाद होते हैं।
3. यह पौधों पर विषकारी प्रभाव नहीं डालता।
4. यह श्वसन उच्च पादपों में हमेशा जारी रहता है।
5. इसमें अधिक ऊर्जा का उत्पादन होता है। एक ग्लूकोज अणु से 38 ATP प्राप्त होते हैं।
6. यह क्रिया कोशिका द्रव्य तथा माइटोकॉण्ड्रिया में होती हैं।
अवायवीय श्वसन, (Anaerobic respiration)
1. ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती तथा शर्करा का अपूर्ण विघटन होता है।
2. कार्बन डाइऑक्साइड व एथाइल एल्कोहॉल या लैक्टिक अम्ल अन्तिम उत्पाद होते हैं।
3. यह पौधों पर विषकारी प्रभाव डालता है।
4. यह उच्च पादपों में अस्थायी रूप से असामान्य परिस्थितियों में होता है।
5. इसमें काफी कम ऊर्जा का उत्पादन होता है। एक ग्लूकोज अणु से 2 ATP प्राप्त होता है।
6. यह क्रिया पूर्णतः कोशिका द्रव्य में होती हैं।