Hindi, asked by jamunakuanr123, 3 months ago

1. ब्राह्मण को अपरिग्रही क्यों माना गया था ?​

Answers

Answered by Nishita7883
1

Answer:

पहले तो ऐसी व्यवस्था नहीं थी । ब्राह्मण जो ज्ञानी होता था, पढ़ाता था । वह सिर्फ धोती और खाने का अधिकारी था, वह अपरिग्रही माना गया । आज तो जो भी विद्या पढ़ाता है, वह उसका मूल्य माँगता है ।

Answered by tannudhoke67
1

Answer:

ब्राह्मणों का एक नाम द्विज भी है। पुरातन काल में इन्हें 'द्विज' कहकर भी संबोधित किया जाता था। द्विज का अर्थ है- 2 बार जन्म लेने वाला। सवाल यह है कि क्या वाकई ब्राह्मणों का 2 बार जन्म होता है? या यह केवल एक परंपरा है।

 

दरअसल, ब्राह्मण परिवार में बालक जब जन्म लेता है तो वह केवल जन्म से ही ब्राह्मण होता है। उसके कर्म सामान्य इंसानों जैसे ही होते हैं। यह उसका पहला जन्म माना गया है।

दूसरा जन्म तब होता है, जब बालक का यज्ञोपवीत किया जाता है। तब उसे वेदाध्ययन और यज्ञ का अधिकार भी मिल जाता है। 

Similar questions