1.) बेरोजगारी से क्या तात्पर्य है? अल्प बेरोजगारी किसे कहते हैं?
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➲ बेरोजगारी से तात्पर्य व्यक्ति का रोजगार-विहीन होना है। जब कोई व्यक्ति किसी कार्य करने के योग्य है और इच्छुक भी हैं और फिर भी उसे रोजगार प्राप्त ना हो तो इस अवस्था को बेरोजगारी कहते हैं। सरल शब्दों में कहें कि ऐसे व्यक्ति जो कोई कार्य करने में पूर्ण रूप से सक्षम है, और जिसे अपनी आजीविका के लिये कार्य की आवश्यकता है, लेकिन उसे इच्छित कार्य या ऐसा कार्य नही मिल पाता जो उसकी आजीविका को पूर्ण करे तो ऐसी स्थिति को ‘बेरोजगारी’ कहते हैं।
अल्प-बेरोजगारी : अल्प बेरोजगारी से तात्पर्य उस बेरोजगारी से है, जिसमें किसी व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुसार काम ना मिले अथवा उसे अपनी योग्यता के मापदंड के हिसाब से कम महत्व का काम मिले अथवा गए जितने समय तक काम कर सकता है उससे कम समय तक ही उसे काम मिले। ऐसी स्थिति को ‘अल्प-बेरोजगारी’ कहा जाता है।
अल्प बेरोजगारी दो तरह की होती है...
दृश्य अल्प-बेरोजगारी और अदृश्य अल्प बेरोजगारी
दृश्य अल्प-बेरोजगारी में व्यक्ति को आवश्यक सामान्य घंटे से कम घंटे का ही काम मिलता है।
अदृश्य अल्प-बेरोजगारी में व्यक्ति को पूरे दिन का काम तो मिलता है, लेकिन उसमें उसको पर्याप्त पारिश्रमिक नहीं मिलता अर्थात उसे अपनी योग्यता से कम महत्व का काम मिलता है, जिससे उसे कम पारिश्रमिक पर ही काम करना पड़ता है।
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