1 भारत के राष्ट्रीय त्योहार 2प्रदूषण कारण और निवारण !इन के बड़े-बड़े पैराग्राफ चाहिए ना कि छोटे
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जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सभ्यता की शुरुआत से ही मनुष्य की सभी बस्तियां पानी के स्त्रोतों के पास ही बनी है, क्योंकि पानी के बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। लेकिन जल प्रदूषण वर्तमान की सबसे बड़े पर्यावरणीय समस्याओं मे से एक बन गया है। मनुष्यों द्वारा लगभग हर एक बड़ी नदी को प्रदूषित कर दिया गया है। हमारे भारत देश में कई प्रकार के त्योहार मनाये जाते हैं, जिसमें की काफी सारा पानी या तो बर्बाद हो जाता है या फिर प्रदूषित हो जाता है। इन त्योहारों में भारी मात्रा में जहरीले तत्व पानी में मिल जाते हैं, जो एक बड़ी चिंता का विषय है।
त्योहारों के कारण जल प्रदूषण
अधिकांश भारतीय त्यौहारों में किसी ना किसी तरीके से पानी का उपयोग किया ही जाता है। यही कारण है कि देश के हर हिस्से में पानी की कमी होने के साथ ही जल प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है।
मूर्ति विसर्जन
यह ऐसे त्यौहार होते हैं, जिसमें मूर्तियों को सजाया जाता है और त्योहार के अंत में उन्हे जल स्त्रोतों में विसर्जित कर दिया जाता है। इस कार्य द्वारा हमारे जल निकायों में प्रदूषण की मात्रा बहुत ही बढ़ जाती है क्योंकि इन मूर्तियों को विसर्जित करने के बाद पानी दूषित हो जाता है और उपयोग के लिए अनुपयुक्त हो जाता है। इस पानी का उपयोग सिचाईं के लिए भी नही किया जा सकता है क्योंकि इस प्रकार का पानी कई प्रकार के हानिकारक रसायनों से युक्त हो जाता है।
होली
इस त्योहार में लोग पानी और रंग से खेलते हैं। लेकिन ज्यादातर रंग रसायन युक्त होते हैं और हमारे स्वास्थ्य के प्रति भी गंभीर संकट पैदा कर देते है। इसके अलावा त्योहारों के दौरान होने वाली पानी की बर्बादी किसी से छिपी नही है।
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यह सभी जानते हैं कि भारत के हाथों का आदेश है अर्थात भारत में के प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं जैसे कि होली दिवाली इत्यादि होली रंगों का त्योहार है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर सभी और रंग फैलाते हैं इसके पीछे भी एक कहानी जुड़े हैं कहते हैं कि एक राक्षस सेना को से बहुत यादगार और अभिमान तक वह अपने आप को भगवान मानते तो और सभी लोगों को भगवान के साथ अपनी पूजा करने को कहता था उसका पुत्र था प्रह्लाद था जो हर इंसान का सबसे बड़ा से बड़ा भगत था वह पूरा दिन हरीभक्ति ही कटा था परंतु हरना कश्यप प्रह्लाद की हरीभक्ति देखकर बहुत क्रोधित हुआ उसने अपने बच्चों को बहुत समझाया कि वह हर व्यक्ति को छोड़कर उसके भक्ति करो उसकी पूजा करें परंतु उसके पुत्र ने उसकी भक्ति करने से मना कर मना कर दीया 1 दिन रात के पिता ने क्रोध में आकर अपनी बहन होलिका को बुलाया होलिका को ब्रह्मा जी से वरदान तक उसे कोई व्यक्ति जला नहीं सकती थी होलिका ने अपने भाई प्रह्लाद के पिता से कहा कि वह प्रह्लाद को अपनी गोद में मीठा लेगी और ब्रह्मा जी के दिए हैं वरदान के कारण हो होलिका को आगे लाना सकेगी और पिला जलकर भस्म हो जाएगा परंतु हरीभक्ति के कारण होलिका जलकर भस्म हो गई और प्लाट को कुछ ना हुआ इसे के कारण होली का त्यौहार मनाया जाता है होली के पहले रात्रि को होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन रंगों का त्योहार मनाया जाता है दीपावली का त्यौहार भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम रावण का अंत करके अपनी अपनी पत्नी सीता को बचाकर रोजा वापस लाए थे उनकी आने की खुशी में अयोध्यावासी ने दीपमाला की थी इसी कारण दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है