1. भारत में औपनिवेशिक शासन की आर्थिक नीतियों का केंद्र बिंदु क्या था? उन नीतियों
2. औपनिवेशिक काल में भारत की राष्ट्रीय आय का आकलन करने वाले प्रमुख अर्थशास्त्रियों
के.क्या प्रभाव हुए?
2019-20
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3.
4.
के नाम बताइए।
3. औपनिवेशिक शासनकाल में कृषि की गतिहीनता के मुख्य कारण क्या थे?
4. स्वतंत्रता के समय देश में कार्य कर रहे कुछ आधुनिक उद्योगों के नाम बताइए।
5. स्वतंत्रता पूर्व अंग्रेजों द्वारा भारत के व्यवस्थित वि-औद्योगीकरण के दोहरे ध्येय क्या थे।
6. अंग्रेजी शासन के दौरान भारत के परंपरागत हस्तकला उद्योगों का विनाश हुआ। क्या आप
इस विचार से सहमत हैं? उत्तर के पक्ष में कारण बताइए।
7. भारत में आधारिक सरंचना विकास की नीतियों से अंग्रेज़ अपने क्या उद्देश्य पूरा करना
चाहते थे?
8. ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन द्वारा अपनाई गई औद्योगिक नीतियों की कमियों की
आलोचनात्मक विवेचना करें।
9. औपनिवेशिक काल में भारतीय संपत्ति के निष्कासन से आप क्या समझते हैं?
10. जनांकिकीय संक्रमण के प्रथम से द्वितीय सोपान की ओर संक्रमण का विभाजन वर्ष
कौन-सा माना जाता है?
11. औपनिवेशिक काल में भारत की जनांकिकीय स्थिति का एक संख्यात्मक
चित्रण प्रस्तुत करें।
12. स्वतंत्रता पूर्व भारत की जनसंख्या की व्यावसायिक सरंचना की प्रमुख विशेषताएँ समझाइए।
13. स्वतंत्रता के समय भारत के समक्ष उपस्थित प्रमुख आर्थिक चुनौतियों को रेखांकित करें।
14. भारत में प्रथम सरकारी जनगणना किस वर्ष में हुई थी?
15. स्वतंत्रता के समय भारत के विदेशी व्यापार के परिमाण और दिशा की जानकारी दें।
16. क्या अंग्रेज़ों ने भारत में कुछ सकारात्मक योगदान भी दिया था? विवेचना करें।
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hey mates
(3)पट्टेदारी प्रणाली-भारत में अंग्रेजों ने एक भू-राजस्व प्रणाली शुरू की जिससे जमींदारी प्रथा कहा गया। इसके अंतर्गत कृषकों, ज़मींदारों तथा सरकार के बीच एक त्रिकोणीय संबंध स्थापित किया गया।
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