Hindi, asked by devipinki889, 1 month ago

1.
भारतेंदु की राजभक्ति और देशभक्ति की कविताओं की तुलना करते हुए सिद्ध कीजिए
कि उनकी कविता का मूल स्वर देशभक्ति है।​

Answers

Answered by qwstoke
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भारतेंदु की राजभक्ति और देशभक्ति की कविताओं की तुलना करते हुए निम्न प्रकार से सिद्ध किया गया है कि उनकी कविता का मूल स्वर देशभक्ति है।

-भारतेंदु विलायती शिक्षा की प्रशंसा करते थे क्योंकि वहां विद्या का प्रबंध अच्छा था।

- वे पश्चिमी वैज्ञानिक व जनतांत्रिक उपलब्धियों का लाभ भारतीय जनता तक पहुंचना चाहते थे।

- वे कहते थे कि विद्या का सूरज पश्चिम से चलता उगता हुए चलता है , अब सोने का समय नहीं है।

-विदेश से नई नई कारीगरी अाई है, उसका लाभ लिया जाना चाहिए।

वे कहते थे कि शिक्षकों के मन में भूत प्रेत, जिन्न की धारणाएं अभी तक विद्यमान है। उन्होंने ऐसे अंधविश्वासो का विरोध किया।

-बाल विवाह का विरोध किया ।

वे चाहते थे कि लोग रूढ़िवादी परंपरा को त्यागकर आधुनिक सोच को अपनाएं ।

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