1. भारतीय समाज प्रकृति में है।
(A) आदिवासी
(B) बहवचन
(C) ग्रामीण
(D) शहरी
Answers
(C) ग्रामीण
is correct answer
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समकालीन भारतीय समाज को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में समझना बहुत आवश्यक है। यह समाज कोई 5000 वर्ष पुराना है। आयों से लेकर यानी धार्मिक समाज की जड़ों पर विकसित होता हुआ यह समाज आज एक सार्वभौम, प्रजातान्त्रिक, समाजवादी और धर्म निरपेक्ष राष्ट्रीय समाज है। इसे बनामे में कई संस्कृतियों ने योगदान दिया है। इसकी बहुत बड़ी विशेषता इसकी निरन्तरता है। इसकी सभ्यता में इतिहास की चादर में कई सलवटे आयीं, र-चढ़ाव आये फिर भी यह आज बराबर बना हुआ है। जिसे हम परम्परा से हिन्दू समाज कहते हैं वह आज एक धर्म निरपेक्ष समाज है। मतलब हुआ राज्य का धर्म से कोई सरोकार नहीं है। उसके सामने सभी धर्म समान है। इस समाज की परम्परागत संरचना में एक और विशेषता इसके कर्मकाण्ड यानि रीति-रिवाज हैं। अब भी यह समझा जाता है कि कर्मकाण्डों की अध्यक्षता ब्राह्मण ही करेंगे।
समकालीन भारत, आज जैसा भी है एक बहुत बड़े इतिहास के दौर से गुजर कर आया है। इसकी व्याख्या हमें इन्हीं ऐतिहासिक कारकों और अव्वाचीन प्रक्रियाओं के संदर्भ में करनी चाहिये। ऐसा करने में हमें यह भी याद रखना है कि आज इस समाज को हमें राष्ट्रीय बनाना है। राष्ट्रीय समाज ऐसा, जिसमें विभिन्न संस्कृतियों का समावेश हो सके। यह एक सांझा समाज है।