1. भारतीय वर्षा को प्रभावित करनेवाले प्रमुख कारकों का वर्णन करें।
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Explanation:
1 वायुदाब और पवन - भारत के मौसम पर वायुदाब का भी बहुत ज्यादा असर पड़ता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि थार के रेगिस्तान की तपन की वजह से वहां निम्न वायु दाब का क्षेत्र बन जाता है। यह दक्षिण पश्चिमी मानसूनी हवाओं को अपनी ओर खींचता है और जिससे पूरे भारत में वर्षा होती
Answer:
भारत की जलवायु मानसून हवाओं से बहुत अधिक प्रभावित है। ऐतिहासिक काल में भारत आने वाले नाविकों ने सबसे पहले मानसून की परिघटना पर ध्यान दिया था, क्योंकि मानसूनी हवाओं या वायु प्रणाली के उलटने से उन्हें लाभ होता था। इसीलिए भारत में व्यापारियों के रूप में आए अरबों ने वायु प्रणाली के मौसमी उलट–फेर को 'मानसून' नाम दिया है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में मोटे तौर पर 20° उ. और 20°द. अक्षांशों के बीच मानसून प्रभावी होता है। मानसून के तंत्र को समझने के लिए निम्नलिखित तथ्य को समझना महत्वपूर्ण हैः
स्थल और जल के गर्म और ठंडे होने की दर में अंतर होता है, अर्थात स्थल की तुलना में जल देर से गर्म और ठंडा होता है | इसी कारण से गर्मियों में भारत के स्थलीय भाग पर निम्न दाब का निर्माण हो जाता है जबकि आस–पास के समुद्री भाग पर उच्च दाब पाया जाता है |
गर्मियों में अंतरा उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) की स्थिति में परिवर्तन हो जाता है और गंगा के मैदानी भाग के ऊपर स्थित हो जाती है, जिसे मानसून द्रोणी के नाम से जाना जाता है (अंतरा उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र आम तौर पर भूमध्यरेखा से करीब 5° उत्तर में स्थित होता है)।
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