1.
भर
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
परिश्रम को सफलता की कुंजी माना जाता है । जीवन में सफलता पुरुषार्थ से ही प्राप्त होती
है । कहा भी गया है - उद्योगी सिंह पुरुष को लक्ष्मी वरण करती है | जो भाग्यवादी हैं, उन्हें कुछ
नहीं मिलता | वे हाथ - पर - हाथ धरे रह जाते हैं | अवसर उनके सामने से निकल जाता है ।
भाग्य कठिन परिश्रम का ही दूसरा नाम है ।
प्रकृति को ही देखिए | सारे जड़ - चेतन अपने कार्य में लगे रहते हैं | चींटी को भी पल
चैन नहीं मिलता | मधुमक्खी जाने कितनी लंबी यात्रा कर बूंद - द मधु जुटाती है । मुर्गे को सुबह
बाँग लगानी ही है | फिर मनुष्य को बुद्धि मिली है, विवेक मिला है । वह निठल्ला बैठे तो सफलता
की कामना करना व्यर्थ है ।
(क) लक्ष्मी किसे कहते हैं?
(1)
(ख) चीटी और मधुमक्खी में क्या समानता है ?
(1)
(ग) 'हाथ पर हाथ धरने' का क्या आशय है ?
(1)
(घ) 'व्यर्थ' का अर्थ लिखिए ?
(1)
(ङ) गद्यांश के लिए उचित शीर्षक लिखिए।
(1)
निम्नलिखित अपठित काव्यांश को पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
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Explanation:
(क) लक्ष्मी धन को कहते हैं।
(ख) चींटी और मधुमक्खी दोनो अपनी जगह मेहनत करती है। वो दोनो मेहनती हैं।
(ग) हाथ पर हाथ धरने का मतलब इन्सान सब कुछ करने के काबिल होता हैं फिर भी फाल्तू में वक्त खराब करके अच्छा मोका गवां देता हैं।
(घ) बेकार में।
sorry last ka nahi ara mujhe.
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