Hindi, asked by summury, 1 year ago

1 billion ka Hamare Jeevan par Prabhav Hindi mai

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Answered by yadavbhavin290p9j6mi
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मौसम की हमारे दैनिक जीवन में अहम भूमिका है। इसमें कोई दो राय नहीं कि गर्मी हो या सर्दी या फिर बारिश के दिन सभी ऋतुओं में या कहें कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में आपसी बातचीत के सामान्य विषयों में मौसम भी शामिल होता है। हम दैनिक मौसम के प्रति बहुत चिंतित होते हैं। दैनिक मौसम बहुत गर्म, बहुत ठंडा उमसदार और तूफानी हो सकता है। निश्चित रूप से वसंत और शरद ऋतु के दौरान हमें मौसम ज्यादा आनंददायक लगता है। इस पुस्तक की विषयवस्तु मौसम को समझना है।

ऑक्सफोर्ड इंग्लिश शब्दकोश के अनुसार मौसम को इस प्रकार परिभाषित किया गया है- “सूर्य किरणों, वर्षा और हवाओं आदि की उपस्थिति में किसी निश्चित स्थान व समय पर वायुमंडल की स्थिति मौसम कहलाती है।” जब हम मौसम के बारे में बात करते हैं तब हम वास्तव में उस स्थान की हवा या वायुमंडल की बात करते हैं। मौसम किसी एक नियत समय के दौरान किसी निश्चित स्थान पर वायुमंडल की स्थिति है, उदाहरण के लिए मौसम गर्म या ठंडा, आर्द्र या शुष्क और बादलों भरा या तूफानी होगा। मौसम अनेक अवयवों का सम्मिलित रूप है, जो और कुछ नहीं केवल वायुमंडल के ही स्वतंत्र भौतिक लक्षण होते हैं। किसी दिए गए स्थान के मौसम के लिए सात अवयवों का अवलोकन किया जाता है। ये सात अवयव हैं; तापमान, आर्द्रता, हवा, दाब, दृश्यता, बादल और संघनन जो अंत में बारिश और हिमपात में बदल जाता है। एक ही दिन में विभिन्न स्थानों पर हमें मौसम के अलग-अलग रूप देखने को मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए जहां रेगिस्तान में बारिश विरले ही होती है, वहीं उष्णकटिबंधीय वनों में मौसम सदैव गर्म और नमी युक्त होता है। एक ही स्थान का मौसम भी दिनभर एकसमान नहीं होता है; यह लगातार पूरे दिन बदलता रहता है। एक ही दिन के विभिन्न समयों में मौसम सुबह के समय ठंडा और आनंददायक, दोपहर से लेकर शाम को बारिश होने के पहले तक उमसदार और फिर शाम को मौसम वापस खुशमिजाज हो जाता है।

मौसम हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। मौसम हमारे अनेक क्रिया-कलापों पर अपना प्रभाव दर्शाता है। मौसम हमारे रहन-सहन, खान-पान और हमारे व्यवहार को प्रभावित करता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सब जगह मौसम मौसमवैज्ञानिकों से लेकर धरती की गहराई का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों कि रुचि का विषय बना रहता है। किसान और बागवान भरपूर फसल की आशा में अच्छे मौसम की राह देखते हैं। सामान्य से कम या अधिक तापमान या बारिश होने पर अनर्थकारी परिणाम सामने आते हैं। नागरिक विमानन सुविधाएं भी बहुत हद तक मौसम पर निर्भर रहती हैं। मौसम के कारण उड़ानों में देरी या उड़ानों के निरस्त होने से न केवल यात्रियों को असुविधा उठानी पड़ती है वरन् इससे आर्थिक हानि भी होती है। हममें से अधिकतर लोग जानते होंगे कि क्रिकेट मैच जब रोमांचक दौर में होता है तब किस प्रकार बारिश खेल का मजा किरकिरा कर देती है। मौसम बाढ़, अकाल और चक्रवात के रूप में अनेक प्रकार की आपदाओं के लिए भी जिम्मेदार होता है।

मौसम से संबंधित जनश्रुतियां
सदियों से नाविकों, मछुआरों, किसानों और चरवाहों ने मौसम के संकेतों को देखना सीख लिया था और इन संकेतों की मदद से वह मौसम की भविष्यवाणी करने की कोशिश किया करते थे। मानव ने जब से मौसम के अनुमान के अनुसार अपनी योजनाएं बनाना आरंभ की तब से लगभग सभी सभ्यताओं में मौसम से संबंधित जनश्रुतियां प्रचलित हैं। जहाजों की दिशा निर्धारण के लिए नाविक और अच्छी ऊपज के लिए किसान मौसम पर निर्भर होते हैं। कुछ मौसमी जनश्रुतियां आकाश की दृश्यता, वायुमंडल की स्थिति, बादलों के प्रकार और गति एवं हवा की दिशा जैसे वैज्ञानिक कारणों पर आधारित होकर मौसम की भविष्यवाणी करती हैं। लेकिन बुहत सी मौसमी जनश्रुतियां वैज्ञानिक आधार से कोसों दूर सिर्फ मिथकों पर आधारित हैं।

ग्रीक दार्शनिक थियोसोरस के अनुसार ईसा पूर्व चौथी सदी के आरंभिक मौसमी लोकसाहित्य में लिखा गया है किः

चीटियों के अपने बिल के एक ओर से अपने अंडे ऊंची भूमि पर
ले जाने की घटना बारिश होने का संकेत है।


उपरोक्त अवलोकन आज तक सही साबित हुआ है। वास्तव में हम चीटियों की हलचल देखकर बारिश की भविष्यवाणी कर सकते हैं। बारिश के पहले बिल छोड़कर अपने अंडों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर ले जाती चीटियों की कतार देखी जा सकती है।

यहां वैज्ञानिक व्याख्या पर आधारित कुछ और मौसमी जनश्रुतियों के उदाहरण दिए जा रहे हैं।

जब घास पर ओस की बूंद हो, 
तब बारिश नहीं होने वाली है।
जब सुबह घास सूखी हो, 
तब रात के पहले बारिश हो सकती है।


उच्च दाब का निर्माण करने वाली शुष्क हवा वसंत या शीत ऋतु की रातों को तेजी से ठंडा करती है, जिससे सुबह के समय ओस बनती है। लेकिन आर्द्र हवा कुछ ही ऊपर उठने और निम्न दाब के क्षेत्र का निर्माण करने के कारण सुबह के समय ओस को बनने से रोकती है। सामान्यतः निम्न दाब का क्षेत्र बारिश लाता है।

मच्छर काटने पर मैं व्यर्थ खुजलाता हूं, 
क्योंकि वे जानते हैं कि बारिश चली गई है।


जब बादल चट्टानों और स्तंभों के आकार में दिखाई दें, 
तब धरती लगातार बौछारों से तरो-ताजा हो जाएगी।


मानसूनी महीनों के दौरान फूलगोभी आकार वाले कपासी बादलों का दिखाई देना सतही आर्द्र हवा का तेजी से शुष्क हवा के ऊपर उठ कर ठंडी होने का संकेत है। ये बादल ऊंचाई पर पहुंच स्तंभ जैसे दिखाई देते हैं और ये बादल झंझा और तड़ित् का कारण बनते हैं।

सुबह का लाल आकाश, नाविकों को चेतावनी देता है, 
रात का लाल आकाश, नाविकों को हर्षित कर देता है।


जब हम रात में लाल आकाश देखते हैं तो उसका मतलब है कि डूबते सूर्यास्त के समय का प्रकाश सघन धूल कणों से होता हुआ आ रहा है। यह नजारा उच्च दाब और पश्चिम दिशा से आती हवाओं के साथ अच्छे मौसम का संकेत है। लेकिन लाल सुर्योदय पश्चिम से गुजरने वाले तूफान के धूल कणों की ओर संकेत करता है। यदि सुबह का आकाश गहरा लाल हो तो इससे वायुमंडल में जल की उच्च सांद्रता का पता चलता है जिसके आधार पर बारिश की संभावना व्यक्त की जा सकती है।
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