(1) चिन्तन के क्षेत्र में जो अद्वैतवाद है, वही भावना के क्षेत्र में
(2) भय जब स्वभावगत हो जाता है तब.
कहलाता है। (कायरत
ना को किसी ने
से लपेटकर सुई खिला दी। (शक्कर.Ans
Answers
Explanation:
आजकल के समय में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है, खासतौर से छात्रों के लिए। ऐसे कई अवसर आते हैं, जब आपको विभिन्न विषयों पर निबंधों की आवश्यकता होती है। निबंधों के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इन निबंधों को तैयार किया है। हमारे द्वारा तैयार किये गये निबंध बहुत ही क्रमबद्ध तथा सरल हैं और हमारे वेबसाइट पर छोटे तथा बड़े दोनो प्रकार की शब्द सीमाओं के निबंध उपलब्ध हैं।
लक्ष्य
हमारा उद्देश्य चतुष्क (क्वाडरैट) विधि द्वारा पौधों की आबादी की आवृत्ति का अध्ययन करना है।
सिद्धांत
पारिस्थितिकी (ईकोलॉजी) में कुछ निश्चित जगहों या कुछ निश्चित समय पर कुछ पौधों की प्रजातियों की आवृत्ति का पता लगाना उपयोगी होता है । पौधों के समुदाय के भीतर प्रजाति के अलग-अलग जीवों की उपस्थिति की एकरूपता की मात्रा के रूप में आवृत्ति को परिभाषित किया जा सकता है। हालांकि, बड़ी आबादी या विस्तृत प्राकृतिक वास के लिए पौधों की प्रजातियों की आवृत्ति का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। पौधों की आवृत्ति का नमूना लेने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली विधि चतुष्क (क्वाडरैट) विधि है।