1. चौराहे पर स्थापपत नेता जी की मूर्तण मैं क्या कमी थी और इस कमी को कैसे पूरा ककया जाता था
2. नेताजी का चश्मा पाठ के अनुसार हालदार साहब की देशभक्क्त पर प्रकाश डाललए और अपने पसंद के ककसी एक स्वतंत्रता सेनानी का पररचय दीक्जए
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Answer:
1. नेताजी की मूर्ति सुंदर थी। वह अपने उद्देश्य में सार्थक सिद्ध हो रही थी। उसे देखते ही नेताजी द्वारा किए गए कार्य याद आने लगते थे, परंतु इस मूर्ति में एक कमी जो खटकती थी वह थी-मूर्ति पर चश्मा न होना। चश्मा न होने से नेताजी का व्यक्तित्व अधूरा-सा प्रतीत होता था।
2.प्रस्तुत कथन में नेताजी का ओरिजिनल चश्मा से तात्पर्य नेताजी के बार-बार बदलने वाले फ्रेम से है। मूर्तिकार ने नेताजी की मूर्ति बनाते समय चश्मा नहीं बनाया था। नेताजी बिना चश्मे के यह बात एक गरीब देशभक्त चश्मेवाले कैप्टन को पसंद नहीं आती थी इसलिए वह नेताजी की मूर्ति पर उसके पास उपलब्ध फ्रेमों से एक फ्रेम लगा देता था।
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चौराहेपर स्थापपत नेता जी की म
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र्तणमैंक्या कमी थी और इस कमी को कै सेप
ूरा ककया जाता थाचौराहेपर स्थापपत नेता जी की म
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र्तणमैंक्या कमी थी और इस कमी को कै सेप
ूरा ककया जाता था