1. चारों वर्गों में ब्राह्मण को समाज रूपी शरीर का मुख क्यों बताया
गया है?
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चारों वर्णों में ब्राह्मण को समाज रूपी शरीर का मुख्य स्थान इसलिए बताया गया है, क्योंकि शरीर की पांचों ज्ञानेंद्रियों मुख में ही स्थित होती हैं और ब्राह्मण ज्ञान प्रदाता होते हैं, जो समाज को ज्ञान प्रदान करते हैं। इस कारण ब्राह्मण को समाज रूपी शरीर का मुख बताया गया हैं।
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