1.) ,चांदी की दीवारों, से कवि का क्या तात्पर्य है ?
2.)बच्चे स्वयं को क्रांति का दूत क्यों कहते हैं?
3.) गर यह न हुआ तो सचमुच तीर- कमान बदलकर छोड़ेंगे इस पंक्ति की व्याख्या कीजिए|
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Answers
1) चाँदी की दीवारों, से कवि का क्या तात्पर्य है ?
➲ चांदी की दीवार से चाँदी की दीवार से कवि का तात्पर्य उस दीवार से है जो समाज के दो वर्गोंं धनी वर्ग और निर्धन वर्ग के बीच खड़ी है। एक तरफ समाज का धनी-सम्पन्न वर्ग है, और दूसरी तरफ समाज का निम्न-निर्धन वर्ग है। सम्पन्न वर्ग के लोग निम्न वर्ग के लोगो का शोषण करते हैं, और उन्हे आगे नही बढ़ने देते। इससे समाज में भेदभाव कायम रहता है, और दोनों वर्गों के बीच एक चाँदी की दीवार खडी हो जाती है, जो बढ़ती जाती है।
2) बच्चे स्वयं को क्रांति का दूत क्यों कहते हैं?
➲ बच्चे स्वयं को क्रांति का दूत इसलिए कहते हैं, क्योंकि बच्चे अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़कर देश में व्याप्त असमानताओं, दुखों और कमियों को दूर करना चाहते हैं। वे देश में एक परिवर्तन की क्रांति लाना चाहते हैं, जहाँ पर सब समान हों। इसलिये बच्चे स्वयं को क्रांति का दूत कहते हैं।
3) गर यह न हुआ तो सचमुच तीर- कमान बदलकर छोड़ेंगे इस पंक्ति की व्याख्या कीजिए|
➲ ‘गर ये न हुआ तो सचमुच तीर-कमान बदलकर छोड़ेंगे’ इन पंक्तियों का अर्थ ये है कि यदि देश में व्याप्त असमानताएं, परेशानियाँ और दुख-कमियाँ आदि दूर नही हुए तो बच्चे देश में बदलाव लाने के लिये अपने तौर-तरीके बदल देंगे और देश में परिवर्तन लाकर छोड़ेंगे।
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