1. छात्रों में अनुशासनहीनता
• हड़ताले, तोड़-फोड़ • पढ़ाई का नाश • मूल्यवान (समय) वर्ष की हानि-विद्या-प्राप्ति के लक्ष्य से भ्रष्ट
•विद्यार्थी का प्रथम लक्ष्य-अध्ययन करके भविष्य का निर्माण-व्यक्तित्व का विकास-समाज और राष्ट्र के
प्रति कर्तव्य का पालन-माता-पिता तथा गुरुजनों का सम्मान।
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Answer:
छात्रों में अनुशासनहीनता के कारण , छात्र का अपना खुद का ही नुकसान होता है | छात्र सब की बातों को अनसुना करते है और अपनी बातों को मनवाने के लिए हड़ताले, तोड़-फोड़ करना शुरू कर देते है | इसी कारण पढ़ाई का नाश करते है और जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते | अपना हर साल बरबाद करते है और अपने लक्ष्य को भूल जाते है|
विद्यार्थी का प्रथम होता है वह अच्छे से शिक्षा ग्रहण करें और अपने लक्ष्य को चुने और भविष्य में उसे पूरा करें |
विद्यार्थी को हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने माता-पिता सब का आदर करना चाहिए | देश का भविष्य छात्रों पर निर्भर है | राष्ट्र के प्रति उसके जो कर्तव्य है उसका पालन करना उसका कर्तव्य है | अनुशासन मनुष्य की सफलता का अधिकांश भाग उसकी अनुशासित गतिविधियों पर निर्भर करता है।
अनुशासन बहुत जरूरी है | अगर हम हर एक काम अनुशासन से करेंगे तो जीवन में अपने लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे |
देश का भविष्य और उन्नति युवा विद्यार्थी पीढ़ी पर निर्भर करती है | युवा पीढ़ी और देश का भविष्य एक दूसरे पर निर्भर करता है| किसी भी देश में अगर युवाओं की संख्या ज्यादा है तो उस देश का विकास भी तेजी से होता है क्योंकि युवा पीढ़ी ही देश का विकास कर सकती हैं| युवा नई सोच और सकारात्मक सोच के साथ देश की प्रगति में अपना योगदान कर सकते है | युवा पीढ़ी को राष्ट्र के उन्नयन में महत्वपूर्ण माना है ।