Hindi, asked by shiza0839, 1 month ago

1 chp Bharat mhima ka
answer chaiya full workbook ka​

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Answered by braner
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प्रश्न 1.

निम्नलिखित पंक्तियों का तात्पर्य लिखिए:

a. कहीं से हम आए थे नहीं → …………………….

b. वही हम दिव्य आर्य संतान → …………………….

उत्तर:

(a) हम भारतवासी किसी अन्य देश से आकर यहाँ नहीं बसे। हम यहीं के निवासी हैं। सभ्यता के प्रारंभ से हम यहीं रहते आए

हैं।

(b) भारतवासी आर्य थे और हम उन्हीं आर्यों की दिव्य संतानें हैं।

प्रश्न 2.

उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

संचय

सत्य

अतिथि

रत्न

वचन

दान

हृदय

तेज

देव

उत्तर:

(i) संचय – दान

(ii) सत्य – वचन

(iii) अतिथि – देव

(iv) रत्न – तेज।

प्रश्न 3. ( This question has diagram. so I don't answer this. )

प्रश्न 4

प्रस्तुत कविता की अपनी पसंदीदा किन्हीं दो पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।

उत्तर:

हमारे संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे देव वचन में सत्य, हृदय में तेज, प्रतिज्ञा में रहती थी टेव। हम भारतीय दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हम यदि धन और संपत्ति का संग्रह करते भी थे तो दान के लिए करते थे। दानवीरता भारतीयों का गुण रहा है। महर्षि दधीचि और कर्ण जैसे दानवीर इसी भूमि पर हुए हैं। हमारे देश में अतिथियों को देवता के समान माना जाता था। भारतीय सत्यवादी हरिश्चंद्र की संतानें हैं। हमारे हृदय में तेज था, गौरव था। हम सदा अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहते थे। भारतीयों का मानना था- प्राण जाएँ,: पर वचन न जाएँ।

प्रश्न 5.

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:

a. रचनाकार का नाम

b. रचना का प्रकार

c. पसंदीदा पंक्ति

d. पसंदीदा होने का कारण

e. रचना से प्राप्त संदेश

उत्तर:

a. रचनाकार का नाम → जयशंकर प्रसाद।

b. रचना की विधा → कविता।

c. पसंद की पंक्तियाँ → व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट, अखिल संसृति हो उठी अशोक। (सूचना: विद्यार्थी अपनी पसंद की पंक्ति लिखेंगे।)

d. पंक्तियाँ पसंद होने का कारण → हम भारतीयों ने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया, जिसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया। अज्ञान रूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख-शोक दूर हो गए।

e. रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा → हमें सदैव अपने देश और इसकी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। जब भी आवश्यकता पड़े, देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तत्पर रहना चाहिए।

ADDITIONAL IMPORTANT QUESTIONS

पद्यांश क्र. 1

प्रश्न.

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.

पद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:

(i) अभिनंदन

(ii) आलोक।

उत्तर:

(i) उषा ने हँसकर क्या किया?

(ii) जब भारतीयों ने ज्ञान का प्रचार किया तो संसार में क्या फैला?

प्रश्न 2.

पद्यांश में प्रयुक्त इन शब्दों से सहसंबंध दर्शाने वाले शब्द लिखिए:

(i) हिमालय – ……………………..

(ii) किरण – ……………………..

(iii) विमल – ……………………..

(iv) कोमल – ……………………..

उत्तर:

(i) हिमालय -आँगन

(ii) किरण – उपहार

(iii) विमल -वाणी

(iv) कोमल -कर

प्रश्न 3.

विधानों के सामने सत्य/असत्य लिखिए:

(i) जब पूरा विश्व जगा तो भारतवासी भी जग गए।

(ii) वीणापाणि ने अपने हाथ में वीणा ली।

(iii) हिमालय के आँगन में किरणों का उपहास मिला।

(iv) सप्तसिंधु में सातों स्वर गूंजने लगे।

उत्तर:

(i) असत्य

(ii) सत्य

(iii) असत्य

(iv) सत्य।

प्रश्न 4.

उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(i) उषा – आलोक

(ii) हीरक – संगीत

(iii) विश्व – अभिनंदन

(iv) वीणा – हार

उत्तर:

(i) उषा – अभिनंदन।

(ii) हीरक – हार

(iii) विश्व – आलोक

(iv) वीणा -संगीत।

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.

पद्यांश में से ढूँढ़कर उपसर्गयुक्त शब्द लिखिए:

(i) ………………. (ii) ……………….

उत्तर:

(i) अभिनंदन

(ii) उपहार।

प्रश्न 2.

अनेक शब्दों के लिए एक-एक शब्द लिखिए:

(i) गले में पहनने की मूल्यवान माला

(ii) सितार जैसा वह वाद्य जो सब वाद्यों में श्रेष्ठ माना जाता है, ……………….

उत्तर:

(i) हार

(ii) वीणा।

प्रश्न 3.

निम्नलिखित शब्दों के लिए पद्यांश में प्रयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए:

(i) संपूर्ण

(ii) शोकरहित

(iii) संसार

(iv) आकाश।

उत्तर:

(i) संपूर्ण – अखिल

(ii) शोकरहित – अशोक

(iii) संसार – संसृति

(iv) आकाश – व्योम।

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.

उपर्युक्त पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।

उत्तर:

भारत देश हिमालय के आँगन के समान है। प्रतिदिन उषा भारत को सूर्य की किरणों का उपहार देती है, मानो हँसकर भारत-भूमि का अभिनंदन कर रही हो। ओस की बूंदों पर जब प्रातःकालीन सूर्य की रश्मियाँ पड़ती हैं, तो ओस की बूंदें चमकने लगती हैं और ऐसा लगता है मानो, उषा ने भारत को हीरों का हार पहना दिया हो।

सबसे पहले ज्ञान का उदय भारत में ही हुआ। अर्थात सबसे पहले हम जाग्रत हुए। फिर हमने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया। इसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया। अज्ञानरूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख-शोक दूर हो गए।

पद्यांश क्र. 2

प्रश्न.

निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1. (DIAGRAM)

प्रश्न 2.

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:

(i) भारत में केवल …………………………. की ही विजय नहीं रही। (चाँदी/लोहे/सोने)

(ii) यहाँ …………………………. भिक्षु की तरह रहते थे। (लोग/लड़के/सम्राट)

(iii) हमसे चीन को …………………………. की दृष्टि मिली। (धर्म/कर्म/धन)

(iv) हमारा देश सदा प्रकृति का …………………………. रहा। (खिलौना/आँगन /पालना)

उत्तर:

(i) भारत में केवल लोहे की ही विजय नहीं रही।

(ii) यहाँ सम्राट भिक्षु की तरह रहते थे।

(iii) हमसे चीन को धर्म की दृष्टि मिली।

(iv) हमारा देश सदा प्रकृति का पालना रहा।

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